
धूम्रपान के खिलाफ मोदी सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन सुझावों को स्वीकार किया है, उनमें कुछ तो बेहद क्रांतिकारी है.
धूम्रपान के खिलाफ सरकार के रवैये का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मंत्रालय सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर जुर्माने की राशि को बढ़ाकर 20 हजार तक करने के पक्ष में है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है. इस आशय की खबर इकोनाॅमिक टाइम्स ने प्रकाशित की है.
इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को अपराध की श्रेणी में लाया जा सकता है और इसके लिए जुर्माने की राशि 200 से बढ़ाकर 20 हजार रुपये की जा सकती है. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक खुली सिगरेट बेचने पर रोक लगाने से उत्पादकों पर बड़ा असर पड़ेगा. क्योंकि सिगरेट बिक्री का एक बड़ा हिस्सा खुले में बिकने वाली एक या दो स्टिक के रूप में आता है.
बिक्री में गिरावट होने पर सिगरेट इंडस्ट्री की ओर से मिलने 25 हजार करोड़ के टैक्स रेवेन्यू पर भी असर पड़ेगा. ऐसे कदमों से मुश्किलें बढ़ सकती है.
उपभोक्ता विश्लेषक अबनीश राय के मुताबिक यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन फैसलों को किस तरह लागू करती है. क्योंकि लाखों पान की दुकानें और फुटपाथ पर स्थित बिक्री केंद्रों पर नियंत्रण हासिल करना एक बड़ी चुनौती होगी. पिछले सालों में धूम्रपान के खिलाफ सरकारें कई सारे प्रावधान लेकर आई थीं. हालांकि इन्हें पूरी तरह लागू नहीं कर पाईं.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी रमेश चंद्रा की अगुवाई वाली कमिटी ने अपनी रिपोर्ट पिछले सप्ताह ही स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी है. पैनल की सिफारिश है कि सिगरेट के पैकेटों पर तस्वीरों वाली चेतावनी ना छापने वाले उत्पादकों पर जुर्माने की राशि 5000 से बढ़ाकर 50 हजार कर दी जाए.
साथ ही कमिटी ने तंबाकू सेवन की उम्र 18 से बढ़ाकर 25 करने, बिक्री केंद्रों पर विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने, स्वास्थ्य से जुड़े चेतावनी संकेतों का आकार बढ़ाकर पैकेजिंग का लगभग 80 प्रतिशत करने जैसे सुझाव भी दिए हैं.