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'गोलियां झेल कर भी टाइगर हिल पर हासिल की जीत', याद दिलाया करगिल का शौर्य

18 ग्रेनेडियर के सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह जो आज भी सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा कि कई गोलियां लगने के बाद भी टाइगर हिल पर जीत दर्ज की.

करगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि (फोटो-ANI) करगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि (फोटो-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST

दिल्ली से चली विजय ज्योति 9 शहरों से होती हुई द्रास पहुंच गई है. देश आज करगिल विजय दिवस मना रहा है. हिंदुस्तान ने आज ही के दिन पाकिस्तान के छक्के छुड़ाते हुए घुसपैठियों को करगिल की पहाड़ियों से वापस खदेड़ा था.

ऑपरेशन विजय की 20वीं सालगिरह पर जम्मू-कश्मीर के द्रास में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के खास मौके पर द्रास में करगिल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.

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18 ग्रेनेडियर के सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह जो आज भी सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा कि कई गोलियां लगने के बाद भी टाइगर हिल पर जीत दर्ज की.

मिसाइल रेजिमेंट नाइक दीपचंद ने कहा,  युद्ध के दौरान मेरी बटालियन ने 10 हजार राउंड फायर किए थे. मुझे इस बात का गर्व है. हमारे मन में केवल एक ही लक्ष्य था कि दुश्मन को हराना है. मैं उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देने आया हूं, जिन्होंने करगिल युद्ध में अपनी जान गंवाई.

वहीं 1999 में करगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले कैप्टन सौरभ कालिया के पिता एनके कालिया ने कहा, भारतीय सरकार ने उरी और पुलवामा हमलों के बाद कार्रवाई की है.

करगिल युद्ध में जान गंवाने वाले कैप्टल विक्रम बत्रा के पिता जीएल बत्रा ने कहा कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, क्योंकि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का समर्थन कर रहा है.

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