
21 जुलाई 2007 को आज ही के दिन प्रतिभा देवी सिंह देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं थी. उनका कार्यकाल 2007 से लेकर 2012 तक चला. उनका जन्म 19 दिसंबर, 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ था. वह स्वतंत्र भारत के 60 साल के इतिहास में देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने वाली प्रथम महिला राष्ट्रपति हैं.
आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें:-
- प्रतिभा पाटिल कांग्रेस पार्टी के साथ काफी लम्बे समय से जुड़ी रहीं और राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते समय वो राजस्थान की राज्यपाल थीं.
- साल 1962 में उन्होंने राजानीति में प्रवेश किया था. वो 1962 में जलगांव से विधायक निर्वाचित हुईं. इसके बाद 1967 से 1985 के बीच उन्होंने मक्तेनगर से जीत दर्ज की.
- 1985 में वह राज्यसभा सांसद के रुप में चुन ली गईं. उसके बाद 1991 में लोकसभा के लिए अमरावती से चुनी गईं. हालांकि बाद में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया.
- बता दें, वह देश की 12वीं राष्ट्रपति थीं.
प्रतिभा पाटिल: रचा था यह इतिहास, गिफ्ट ले जाने से भी हुई चर्चा
- साड़ी और बड़ी सी बिंदी लगाने वाली यह साधारण पहनावे वाली महिला राजनीति में आने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही थी. उन्होंने जलगांव के मूलजी जेठा कालेज से एमए और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढ़ाई पूरी की.
- प्रतिभा पाटिल टेबल टेनिस की अच्छी खिलाड़ी भी थीं और उन्होंने कई इंटरनेशनल युनिवर्सिटी प्रतियोगिता में विजेता भी रह चुकीं हैं.
- राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने अपने प्रतिद्वंदी भैरोंसिंह शेखावत को तीन लाख से ज्यादा मतों से हराया था.
देसी-विदेशी तोहफे अपने साथ ले गई थीं प्रतिभा पाटिल, भेजा गया था नोटिस
- प्रतिभा पाटिल को 6,38,116 मूल्य के मत मिले, जबकि भैरोंसिंह शेखावत को 3,31,306 मत मिले थे. महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जन्मी प्रतिभा के पिता का नाम श्री नारायणराव पाटिल था.
- बता दें, प्रतिभा का विवाह शिक्षाविद देवीसिंह रणसिंह शेखावत के साथ 7 जुलाई, 1965 को हुआ था. शेखावत के पूर्वज राजस्थान के सीकर जिले के थे और बाद में जलगांव महाराष्ट्र जाकर बस गये थे.
कार्यकाल के दौरान प्रतिभा पर लगे ये आरोप
प्रतिभा पाटिल अपने कार्यकाल के दौरान वे कई बार खबरों में रहीं. कभी कार प्रयोग को लेकर तो कभी पोस्ट रिटायरमेंट के लिए बन रहे बंग्ले पर.प्रतिभा पाटिल ने पोस्ट रिटायरमेंट के लिए पुणे में एक जमीन पर घर का निर्माण आरंभ कराया था. इस पर भी काफी विवाद हुआ था. मीडिया में खबरें आई थीं कि ये जमीन डिफेंस को दी जानी थी. सुभाष चंद्र अग्रवाल ने एक आरटीआई दाखिल की थी जिसके जवाब में पता चला था कि पाटिल राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद अपने साथ 150 गिफ्ट ले गई थीं. इनमें से ज्यादातर गिफ्ट वो थे जो उन्हें विदेश यात्राओं के दौरान या विदेशी राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्री के आने पर तोहफे स्वरूप मिले थे. आमतौर पर इस तरह के तोहफों को राष्ट्रपति, अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद रष्ट्रपति भवन में ही छोड़ देते हैं.