
बिहार इंटर टॉपर घोटाला में एसआईटी ने सोमवार को एक और गिरफ्तारी की. इस बार बिहार बोर्ड के पूर्व सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी पर शिकंजा कसा है. एसआईटी ने श्रीनिवास चंद्र तिवारी को घंटो पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. टॉपर घोटाला में ये 23वीं गिरफ्तारी है.
एसआईटी चीफ मनु महाराज ने बोर्ड के पूर्व सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी के गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि बोर्ड के पूर्व सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी के खिलाफ काफी अहम सबूत मिले हैं. श्रीनिवास चंद्र तिवारी ने बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के साथ मिलकर अनियमितताओं में उनका साथ दिया था. बोर्ड के पूर्व सचिव हरिहर नाथ झा की गिरफ्तारी के बाद से ही श्रीनिवास चंद्र तिवारी पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी थी.
वेबसाइट बेचने का लगा था आरोप
तिवारी पर बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद की मिलीभगत से नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कॉलेजों को मान्यता देने का आरोप है. श्रीनिवास चंद्र तिवारी के ही कार्यकाल में ही कॉलेजों को मान्यता देने के परंपरा की शुरुआत हुई थी. साल 2014 में श्रीनिवास चंद्र तिवारी पर बिहार बोर्ड के वेबसाइट को भी बेचने का आरोप लगा था. तब मामले की जांच भी करवाई गयी थी, जिसे सही पाते हुए उन्हें सचिव पद से हटा दिया गया था.
झा और तिवारी पर एक जैसे आरोप
श्रीनिवास चंद्र तिवारी के पद से हटने के बाद हरिहर नाथ झा को बोर्ड सचिव बनाया गया था. एसआईटी से मिली जानकारी के मुताबिक, इंटर टॉपर घोटाला में जिन आरोपों के तहत हरिहर नाथ झा को जेल भेजा गया है, उन्हीं आरोपों के तहत श्रीनिवास चंद्र तिवारी को भी गिरफ्तार किया गया है.