
मुंबई पर इस साल 29 तारीख भारी पड़ी. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई ने इस साल तीन ऐसी विपदाएं झेली हैं, जो अलग-अलग महीनों में 29 तारीख को ही हुई हैं. भारी बारिश, भगदड़ और अब आग का तांडव. हर बार 29 तारीख ही रही.
29 तारीख पर तबाही का यह सिलसिला अगस्त महीने से शुरू हुआ. 29 अगस्त को मुंबई में भारी बारिश हुई, जिसमें शहर के कई इलाके डूब गए. बारिश ने इस कदर तबाही मचाई थी कि जलभराव से सड़कें डूब गईं. रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया. यहां तक कि एयरपोर्ट पर विमान सेवा भी बाधित हुई. इस बारिश में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. इनमें नामचीन डॉक्टर अमरापुरकर तक की मौत हो गई थी.
इस हादसे के ठीक एक महीने बाद 29 सितंबर को एलफिंसटन रेलवे स्टेशन पर पुल पर भगदड़ मच गई थी. इसमें भी 23 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद कई पुलों की चौड़ाई को बढ़ाने का काम किया गया, ताकि भविष्य में ऐसा हादसा फिर न हो.
अब तीन माह बाद 29 दिसंबर को एक और बड़ा हादसा हो गया. कमला मिल परिसर में बने एक पब में आग से अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे में कई लोग बुरी तरह झुलस गए हैं.
इस मामले में पुलिस ने कहा कि पब की लापरवाही के चलते 14 लोगों की जान चली गई और कई लोग झुलस गए. वहीं, पब की ओर से जारी बयान में मालिक ने दावा किया कि उसके स्टाफ ने लोगों को बचाने में मदद की और कई लोगों को बचाया भी. हादसे में झुलसे सिद्धार्थ श्राप ने बताया कि जब आग लगी, उस समय रेस्तरां में करीब 150 लोग मौजूद थे. बाहर निकलने का रास्ता बेहद संकरा था, जिसके चलते सभी लोग बाहर नहीं निकल पाए.
इस हादसे के बाद रेस्तरां मालिक पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. साथ ही बीएमसी के पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने बताया कि बीएमसी कमिश्नर को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. वो 15 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे. साथ ही बीएमसी के पांच अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.
बीएमसी के इन अधिकारियों पर गिरी गाज
मुंबई अग्निकांड के बाद बीएमसी के पांच अधिकारियों पर गाज गिरी है. जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें मधुकर शेलर, जूनियर इंजीनियर धनराज शिंदे, सब जूनियर महाले, मेडिकल ऑफिसर पडगिरे और फायर ऑफिसर एसएस शिंदे शामिल हैं. इस घटना के बाद जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया, वो सभी जूनियर अधिकारी हैं.