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2जी मामले में स्पेशल कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कोर्ट ने अपने फैसले में पूर्व मंत्री ए. राजा और सांसद कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को सबूत की कमी होने के कारण बरी कर दिया है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) फैसले के खिलाफ अपील करेगी. ईडी के अलावा सीबीआई भी फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की खबर के अनुसार, ईडी की ओर से कहा गया है कि वह अभी इस फैसले की कॉपी को पढ़ेंगे इसके बाद हाईकोर्ट के पास इस मामले को ले जाएंगे. सूत्रों की मानें, ईडी अभी इस फैसले में देखना चाहता है कि क्या उसका तर्क इसलिए रद्द किया गया कि सीबीआई का तर्क गलत था. या फिर इसके पीछे कोई और भी मामला है.
आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक माने जाने वाले 2जी घोटाले में आज कोर्ट का फैसला आया है. पटियाला कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस घोटाले को 1 लाख 76 हज़ार करोड़ रुपए का बताया गया था.
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वहीं इस मामले में सीबीआई का कहना है कि वह फैसले का अध्ययन करने के बाद भविष्य के अपने कदम तय करेगी. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘‘हमें अभी तक पूरे फैसले की प्रति प्राप्त नहीं हुई है. हम उसका अध्ययन करेंगे, कानूनी सलाह लेंगे और फिर भविष्य का अपना कदम तय करेंगे.’’ हालांकि, बाद में सीबीआई की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि वह फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
गौरतलब है कि ईडी ने अपनी फाइनल चार्जशीट में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल समेत कुल 10 लोगों के नाम लिए थे. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इनपर चार्जशीट दायर की थी.
हमलावर है सरकार-विपक्ष
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी फैसले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. मनमोहन सिंह ने कहा कि कोर्ट का फैसला अपने आप में ही सब कह रहा है, उस दौरान सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया गया था. जिस पर आज कोर्ट ने इस मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है. मनमोहन सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया था, गलत नीयत से सरकार को बदनाम किया गया था.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2जी फैसले पर कहा कि कोर्ट के इस फैसले को सर्टिफिकेट ना मानें, ज़ीरो लॉस थ्योरी पहले ही रद्द हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 2जी आवंटन के दौरान गड़बड़ी हुई थी, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस प्रक्रिया को गलत माना था. 2001 के आधार पर 2007 में आवंटन किया गया. उन्होंने कहा कि बैंक ड्राफ्ट को एडवांस तारीख में ही तैयार किया गया था, कट ऑफ डेट एडवांस में ही तय हो गया था.