
2004 में हुए इशरत जहां मुठभेड़ मामले से जुड़े अहम दस्तावेज गृह मंत्रालय से गायब हो गए हैं. सरकार इसकी आंतरिक जांच करवा रही है कि हलफनामा कैसे बदला गया और मामले से जुड़े दस्तावेज गायब कैसे हो गए.
संसद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में दायर हलफनामों में बदलाव करने के पीछे कांग्रेस का हाथ है. राजनाथ ने लोकसभा में आरोप लगाया कि यूपीए सरकार अपने रुख से बार-बार पलटी है.
राजनाथ ने 15 जून 2004 को हुए इशरत जहां मुठभेड़ के विवादित मामले में लोकसभा में सरकार की ओर से जवाब दिया कि साल 2009 में तत्कालीन गृह सचिव की ओर से अटॉर्नी जनरल को लिखे दो पत्र गुम हो गए हैं. तत्कालीन अटॉर्नी जनरल ने मामले से जुड़े दो हलफनामों की जांच करवाई थी, वह भी उपलब्ध नहीं है. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने गुम दस्तावेजों का पता लगाने के लिए एक आंतरिक जांच शुरू की है. इससे सारे पहलू खुलकर सामने आ जाएंगे.
कांग्रेस पर लगाए आरोप
राजनाथ ने तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि उन हलफनामों में तत्कालीन गृहमंत्री के हस्तक्षेप पर सुधार करवाया गया था. उन्होंने बयान के दौरान फिर से पुष्टि की कि ठाणे की रहने वाली इशरत एक आतंकवादी थी . अमेरिकी-पाकिस्तानी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने भी हाल में अपनी गवाही में इस बात की पुष्टि की है.
राजनाथ ने कहा गुजरात उच्च न्यायालय में दाखिल पहले हलफनामे में इशरत को लश्कर की आतंकवादी बताया गया, लेकिन बदकिस्मती से एक माह बाद दाखिल किए गए अन्य हलफनामे में तथ्यों को दूसरी ही दिशा दे दी गई. राजनाथ ने कहा कि ऐसा लगता है मामले को कमजोर करने की एक कोशिश गई है.