भारतीय शेयर बाजार में भूचाल से निवेशकों को 4 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा. चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर गहराती चिंताओं के बीच आज एशिया के प्रमुख शेयरों में भारी उथल पुथल रही. बीएसई का मार्केट कैप 100 लाख करोड़ रुपए के स्तर से नीचे आ गया.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सोमवार के शुरुआती कारोबार के दौरान करीब 1000 अंक गिरकर 26,359.53 पर और निफ्टी भी 250 अंक गिरकर 8000 के नीचे पहुंच गया.
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भारी गिरावट
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 3.47 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली और यह वहीं, स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.93 पर्सेंट की गिरावट हुई है.
कौन से सेक्टर ज्यादा गिरे ?
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को सबसे ज्यादा रियल्टी सेक्टर में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. वहीं बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में भी 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. गेल के शेयरों 8 फीसदी, एक्सिस बैंक और वेदांता के शेयरों में 6 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली.
इन वजहों से मार्केट क्रैश
1) चीन में निराशाजनक मैन्युफैक्चरिंग डेटा आने के चलते चीन के शेयर बाजार में 9 फीसदी तक की गिरावट दर्ज हुई. इसके चलते घरेलू बाजार टूटा.
2)विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में सोमवार को भारी बिकवाली के जरिए कुल 2000 करोड़ निकाल लिए हैं. इसके चलते घरेलू बाजार पर दबाव बना.
3) तेल की कीमतों में आई गिरावट का असर भी बाजार पर देखने को मिला. ब्रेंट ने सोमवार को 6 साल की सबसे निचली गिरावट दर्ज की.
4) ग्रीस में नए बेलआउट पैकेज लाने के बाद से सिप्रास का विरोध बढ़ता जा रहा था जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इस चलते ग्रीस संकट और भी ज्यादा गहराता नजर आ रहा है. यह भी बाजार गिरने का एक कारण बना.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 635.67 अंकों की गिरावट के साथ 26,730.40 पर खुला.
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 244.00 अंकों की गिरावट के साथ 8,055.95 पर खुला.