
दिल्ली की सड़कों पर लगी दो लाख एलईडी लाइट्स में से करीब 40 फीसदी खराब हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई कि इनको न सिर्फ ठीक करवाया जाए बल्कि इस मामले में संबंधित विभागों को अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए. हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार, बीएसईएस समेत एलईडी लगाने वाले कंपनी को नोटिस भेजकर 25 अगस्त तक जबाब मांगा है.
80 हजार लाइट्स खराब
साल 2015 से दिल्ली की सड़कों पर हेलोजन लाइट को बदलकर एलईडी लाइट लगाने का काम शुरु हो चुका है. अब तक करीब 2 लाख एलईडी लाइट लगाई भी जा चुकी हैं. लेकिन उसमें से करीब 80 हजार खराब हालात में है. उनको ठीक करने पर न सरकार ने ध्यान दिया है और न तमाम विभागों ने, जिन पर एलईडी लाइट को ठीक करने का जिम्मा है. ये हालात तब है जब 2018 तक पूरी दिल्ली में 18 लाख एलईडी लाइट लगाने का लक्ष्य है.
याचिका में लाइट खराब होने को स्कैम बताया गया
याचिका में कहा गया है कि ये बहुत बड़ा स्कैम है. घटिया क्वालिटी के एलईडी लाइट इसलिए लगाए गए ताकि उस पर अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा घूस मिल सकें. दिल्ली में फिलहाल साउथ दिल्ली और साउथ ईस्ट के इलाकों में ये एलईडी लाइट लगाई गई हैं. इनकों लगाने का मकसद पावर सेव करना था. लेकिन करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी पावर सेव नहीं हो पाई.