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कुडनकुलम संयंत्र की यूनिट 5 और 6 पर लगेगी 50,000 करोड़ रुपये की लागत

भारत और रूस के बीच तमिलनाडु में स्थित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पांचवी और छठी इकाई को लगाने के लिए दोनो देशों ने अंतिम रीप दे दिया है.

कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2017,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST

भारत और रूस के बीच तमिलनाडु में स्थित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पांचवी और छठी इकाई को लगाने के लिए दोनो देशों ने अंतिम रीप दे दिया है. इसके निर्माण पर आने वाली लागत लगभग 50,000  करोड़ रपये होगी. जिसके लिए आधी राशि ऋण के रूप में रूस उपलब्ध कराएगा. कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पांचवी और छठी इकाई को लिए जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट(जीएफए) और ऋण सहायता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सालाना शिखर वार्ता का सबसे प्रमुख परिणाम माना जा रहा है.

भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एस. के. शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस परियोजना से बिजली उत्पादन में सात वर्ष लगेंगे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच हुई वाषिर्क शिखर बैठक के दौरान इस समारोह में परियोजना में दो नए रिएक्टरों की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए.

शर्मा ने कहा, ‘‘इस पूरी परियोजना पर करीब 50,000  करोड़ रपये की लागत आएगी. इसमें पहली इकाई 66 महीनों में शुरू हो जाएगी जब्कि दूसरी इकाई उसके छह माह बाद चालू होगी.’’ इसके लिए रिएक्टर का निर्माण रूसी राज्य परमाणु निगम रोसाटम की इकाई एटमस्ट्रोयएक्सपोर्ट करेगी. दोनों इकाइयों की उत्पादन क्षमता एक-एक हज़ार मेगावाट होगी.  एस.के. शर्मा ने कहा, ‘‘यह परियोजना 70:30 के रिण-शेयर अनुपात में वित्तपोषित की जाएगी. इसमें 70 प्रतिशत ऋण और 30 प्रतिशत इक्विटी कोष होगा.’’ रूसी सरकार इस निर्माण लागत में मदद करने के लिए भारत को 4.2 अरब डॉलर का ऋण देगी. बाकी परियोजना की इक्विटी लागत निगम अपने स्वयं के स्रोतों और सरकार से जुटाएगा.

उल्लेखनीय है कि इस परियोजना की एक और दो इकाई शुरू हो चुकी हैं. तीन और चार के 2022-23 तक चालू हो जाने की उम्मीद है.

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