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'डायन' समझकर 500 महिलाओं की हत्या

डायन बताकर महिलाओं की हत्या कर देने का सदियों पुराना अपराध झारखंड में आज भी जारी है. इसकी जड़ में कानून पर अमल में कोताही और अंधविश्वास है. बीते रविवार सरायकेला-खारसवान में दो लोगों ने एक घर में घुसकर चार लोगों की हत्या कर दी. इनमें दो बुजुर्ग महिलाएं थीं.

डायन बताकर कर जाती है महिलाओं की हत्या डायन बताकर कर जाती है महिलाओं की हत्या
IANS
  • रांची,
  • 09 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

डायन बताकर महिलाओं की हत्या कर देने का सदियों पुराना अपराध झारखंड में आज भी जारी है. इसकी जड़ में कानून पर अमल में कोताही और अंधविश्वास है. बीते रविवार सरायकेला-खारसवान में दो लोगों ने एक घर में घुसकर चार लोगों की हत्या कर दी. इनमें दो बुजुर्ग महिलाएं थीं.

पुलिस के मुताबिक, श्यामलाल मुंडा के बेटे की मौत हो गई थी. उसका मानना था कि उसके बेटे पर काला जादू कर दिया गया था. इसलिए उसने अपने भाई राम सिंह मुंडा के साथ इस वारदात को अंजाम दिया. वे बुजुर्ग महिला का कटा हुआ सिर लेकर थाने गए और अपना जुर्म कबूल लिया.

बताते चलें कि ऐसी हत्याएं सामान्य बात हैं. 8 अगस्त को मंदर में पांच महिलाओं की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में 30 लोगों को पकड़ा, जिनमें कुछ छात्र भी हैं. उनका कहना है कि हत्याओं का उन्हें कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वे महिलाएं 'डायन' थीं.

झारखंड सरकार ने 2001 में ऐसी हत्याओं को रोकने के लिए कानून बनाया था. विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. इसके बावजूद राज्य में हर साल 30 से 50 महिलाओं की जादू-टोना करने के नाम पर मार डाला जा रहा है. पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

कानून में होना चाहिए संशोधन

झारखंड महिला आयोग की पूर्व सदस्य वासवी ने कहा कि इन हत्याओं की कई वजहें होती हैं. 2001 का कानून कमजोर है. इस सबके साथ भूमि विवाद के मामले अलग से हैं. कड़ी सजा के लिए कानून में संशोधन होना चाहिए. ओझाओं के लिए दंड का प्रावधान होना चाहिए.

500 महिलाओं की कर दी गई हत्या
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2014 में 44 महिलाओं को डायन बताकर मार डाला गया था. इस साल अब तक 46 महिलाओं को डायन बताकर मारा जा चुका है. 2001 का कानून बनने के बाद से 500 से अधिक महिलाओं को डायन बताकर मारा जा चुका है.

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