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स्वाइन फ्लू से बचने के लिए रखें इन 6 बातों को ध्यान

एच1एन1 वाइयस से दुनियाभर में 2009 में 18000 मौते हुई थी. सबसे पहले इस बीमारी के लक्षण मेक्सिको में पाए गए थे. भारत में इस बीमारी से अब तक करीब 600 लोगों की मौत हो चुकी हैं

Swine flu claims many deaths in India Swine flu claims many deaths in India
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

एच1एन1 वाइयस से दुनियाभर में 2009 में 18000 मौते हुई थी. सबसे पहले इस बीमारी के लक्षण मेक्सिको में पाए गए थे. भारत में इस बीमारी से अब तक करीब 600 लोगों की मौत हो चुकी हैं. Relenza और Tamiflu दो एंटीआयरल एजेंट्स हैं जो इस बीमारी से बचाव करते हैं. आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय:

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क्या है स्वाइन फ्लू: स्वाइन फ्लू सूअरों में होने वाला सांस संबंधी एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो कई स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरसों में से एक से फैलता है. आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में ही होती है लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह मनुष्य में भी फैल जाती है.

क्या हैं लक्षण: स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना. इसके अलावा सांस भी फूलने लगती है. अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है.

रखें ये सावधानियां

(1) इस बीमारी से बचने के लिए हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए. खांसते समय और झींकते समय टीशू से कवर रखें. इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें.

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(2) बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें.

(3) जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए.

(4) स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से क्लोज कॉंटेक्ट से बचें. हाथ मिलाने से बचें. रेग्यूलर ब्रेक पर हाथ धोते रहें.

(5) जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से हाई फीवर हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

(6) स्वाइन फ्लू के टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है. ऐसा कोई भी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं.

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