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शराबबंदी के लिए 7 साल के बच्चे ने अपनाई गांधीगिरी

चेन्नई में शराब की दुकान बंद कराने के लिए एक 7 साल का बच्चा गांधीगिरी कर रहा है. वह क्लास 3 में पढ़ता है और उसके इस प्रयास को देखकर प्रसाशन भी दंग है. पढ़ें फिर क्या हुआ नतीजा...

7 years old akash (Photo:Sunish P Surendran) 7 years old akash (Photo:Sunish P Surendran)
वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

समाज में बदलाव लाने के लिए सभी का प्रयास और सभी का साथ होना जरूरी है. पर एक बच्चा इस बदलाव के लिए अकेले ही चल पड़ा और उसकी इस कोशिश को देखकर बड़े-बड़े लोग दंग हो गए हैं.

बात चेन्नई के पुदूर इलाके की है, जहां क्लास 3 में पढ़ने वाला 7 साल का बच्चा एक शराब दुकान के सामने पोस्ट लेकर मौन बैठा है. पोस्टर पर दुकान बंद करने की गुजारिश की गई है.

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दरअसल, इस क्षेत्र में रहने वाले लोग पिछले कई दिनों से इलाके में खुली नई शराब की दुकान को बंद कराने का अनुरोध कर रही थी. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण राज्य सरकार ने राजमार्गों पर शराब की दुकानों को बंद कर दिया था. चेन्नई के पुदुर इलाके में खुली यह शराब की दुकान सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बावजूद खोली गई.

दुकान ऐसी जगह पर बनी है, जहां से लोगों और बच्चों का स्कूल आना-जाना होता है. 7 साल के आकाश ने जब यह देखा कि किस तरह लोग शराब की दुकान का विरोध कर रहे हैं और अधिकारी अनसुना कर रहे हैं. आकाश ने तय किया कि वह इस मामले में कुछ करेगा और क्लास 3 में पढ़ने वाले आकाश ने अपना यूनिफॉर्म पहना, कंधों पर स्कूल बैग टांगा और नन्हें हाथों में एक पोस्टर लेकर चल पड़ा. पोस्टर पर लिखा था 'कुडियाई विदू, पडिका विदू' यानी कि शराब पीना बंद करो और हमें पढ़ने दो.

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शुरुआत में दुकानदार और पुलिस वालों ने बच्चे को गंभीरता से नहीं लिया, पर आकाश के धैर्य और दृढ़ता को देखकर दूसरे लोग ने भी उसका समर्थन करना शुरू कर दिया.

एक दिन यह देखकर पुलिस वाले ने आकाश से पूछा कि तुम यह विरोध क्यों कर रहे हो? इस पर आकाश ने कहा कि मैं यहां करीब 1 किलोमीटर चलकर आता हूं. यह जमीन खेती के लिए है. यहां आप शराब की दुकान कैसे खोल सकते हैं. पुलिस जवाब नहीं दे पाया और वो वहां से चला गया.

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बच्चे की दृढ़ता के बारे में सुनकर शर्मिंदा अधिकारी उस जगह पर पहुंचे और आकाश को यह वादा किया कि वो इस दुकान को बंद कराएंगे.

आकाश ने कहा 'लोग कड़ी मेहनत करके पैसा कमाते हैं और उसे शराब में खर्च कर देते हैं. इसकी वजह से उनके पास अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कुछ भी नहीं बचता. उनके बच्चों के पास किताबें और बैग्स नहीं हैं. इसलिए मैं यह विरोध कर रहा हूं.'

आकाश की कोशिशों के कारण ही आज तमिलनाडु पूरा राज्य तास्मैक शराब की दुकान बंद कराने को लेकर आंदोलन कर रहा है.

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