Advertisement

दिल्ली में 7200 बच्चों से हर साल यौन शोषण

दिल्ली में करीब 72 सौ बच्चों से हर साल यौन शोषण होता है. बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों में दिल्ली तीसरे नंबर पर है. तो आखिर क्या हैं तरीके ताकि समाय में फैल रही इस गंदगी को रोका जा सके ताकि मासूम बचपन बचा रहे.

दिल्‍ली आज तक ब्‍यूरो
  • नई दिल्‍ली,
  • 20 अप्रैल 2013,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

दिल्ली में करीब 72 सौ बच्चों से हर साल यौन शोषण होता है. बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों में दिल्ली तीसरे नंबर पर है. तो आखिर क्या हैं तरीके ताकि समाय में फैल रही इस गंदगी को रोका जा सके ताकि मासूम बचपन बचा रहे.

दिल्ली एक बार फिर शर्मसार है. पांच साल की मासूम के साथ हैवानियत का नंगा नाच हुआ. अब ये मासूम जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है. एम्स में उसे बचाने की कोशिशें जारी हैं. लेकिन इस शहर में रहने वाले लाखों मासूम सहम उठे हैं. खौफ की चादर और मोटी हो गई है. दहशत की कई परतें उनके दिलोदिमाग में जम गई हैं क्योंकि देश की राजधानी मासूमों की हिफाजत करने में नाकाम रही है.

Advertisement

एक आंकड़े के मुताबिक साल 2010 के मुकाबले साल 2011 में बच्चों के खिलाफ अपराध 24 फीसदी बढ़े हैं. इसमें दिल्ली में ये बढ़ोत्तरी 12.8 फीसदी के हिसाब से हुई है. यानी देश के बाकी राज्यों के मुकाबले दिल्ली बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में तीसरे नंबर पर है. दिल्ली में करीब हर साल 7200 बच्चे यौन शोषण का शिकार होते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि इन बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा कहां से है?

जानकार मानते हैं कि मासूमों को सबसे ज्यादा खतरा घर, आस-पड़ोस और रिश्तेदारों से है. इसके अलावा स्कूल और बाल आश्रमों में भी कई बार बच्चे योनशोषण के शिकार होते हैं. क्योंकि सरकार ने यहां पर बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं, ऐसे में सवाल ये भी है कि‍ समाज में तेजी से बढ़ रहे इस कलंक को कैसे मिटाया जाए?

Advertisement

बच्चों को यौन शोषण जैसे अपराधों से बचाने के लिए पुलिस, बालआश्रम और अस्पतालों में रहने वाले कर्मचारियों को संवेदनशील बनाना होगा. घर और पास-पड़ोस में रहने वाले लोगों के व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए. माता-पिता को बच्चों को पर्याप्त वक्त देना चाहिए. संदिग्ध व्यवहार वाले लोगों से बच्चों को दूर रखना चाहिए. बच्चों को अपरिचित लोगों के साथ खेलने और घर से बाहर जाने से रोकना चाहिए. अब वक्त आ गया है जब बच्चों की परवरिश पर खास ध्यान देने का. मासूमों के खिलाफ यौन अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement