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नोटबंदी के बाद को-ऑपरेटिव बैंक में जमा हुए 871 करोड़, IT ने शुरू की जांच

ऐसे में 4551 नये खाते खुले है और उसमें 60 ऐसे खाते है जिसके मोबाइल नंबर एक ही हैं, नोटबंदी के बाद ब्लैक फंड जनरेशन के केस में ये अब तक का सब से बड़ा सबूत है. आम तौर पर एक साल में 5 हजार खातों के इस बैंक में नये खोले जाते है.

बैंक में जमा हुुए करोड़ों बैंक में जमा हुुए करोड़ों
गोपी घांघर
  • राजकोट,
  • 10 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST

राजकोट के ऑपरेटीव बैंक ऑफ़ राजकोट (राज बैंक) में IT विभाग का पिछले दो दिन से सर्च ऑपरेशन चल रहा है. दो दिन से चल रहे इस सर्च ऑपरेशन में IT विभाग को कई कथित ट्रांजेक्शन मिले हैं. IT विभाग के मुताबिक राज बैंक में नोटबंदी के बाद 871 करोड़ रुपये जमा हुए है, इतनी बड़ी राशि इतनी कम वक्त में जमा हो पाना मुमकिन नहीं है.

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ऐसे में 4551 नये खाते खुले है और उसमें 60 ऐसे खाते है जिसके मोबाइल नंबर एक ही हैं, नोटबंदी के बाद ब्लैक फंड जनरेशन के केस में ये अब तक का सब से बड़ा सबूत है. आम तौर पर एक साल में 5 हजार खातों के इस बैंक में नये खोले जाते है. ऐसे में सिर्फ 20 दिन में 4551 नये खाते खुले, दूसरी ओर राज बैंक का कहना है कि 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंक मे 500 और 1000 की पुरानी नोटे 1.33 लाख खातेदारों ने 871 करोड़ रुपये जमा कराए हैं जो कि बैंक की पूरे राजकोट में फैली हुई 27 अलग अलग ब्रान्चों में है.

31 दिसंबर को राजकोट के इगल पेट्रोल पंप पर IT की रेड हुई थी उस रेड में 130 करोड़ की कथित बेनामी संपत्ति पायी गयी थी. इसी पेट्रोल पंप के पूर्व मालिक ने को-ऑपरेटीव बैंक ऑफ़ राजकोट (राज बैंक) के खाते में 3 करोड़ रुपये जमा करवाये थे, राज बैंक के अलावा से 35 अन्य बैंक अकाउन्ट भी शक के दायरे में है, जिसमें ज्यादा पुरानी नोटे जमा करवायी गई हैं.

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