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अगर आपके एरिया में तैनात पुलिसकर्मी मुस्तैदी से काम नहीं करते, तो इसकी वजह है उनकी 'ओवरटाइम ड्यूटी.' देशभर में तैनात करीब 90 फीसदी पुलिसकर्मी रोजाना आठ घंटे से ज्यादा की ड्यूटी करते हैं. वहीं 73 फीसदी तो ऐसे हैं जिन्हें हफ्ते में एक दिन की भी छुट्टी नसीब नहीं.
अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया'के अनुसार ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलप्मेंट (बीपीआरडी) और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने मिलकर यह रिसर्च की. देशभर के 23 राज्यों और दो केंद्र शासित राज्यों के 12 हजार 156 पुलिसकर्मियों से उनकी वर्किंग कंडिशन की जानकारी इकट्ठा की गई. इस दौरान सभी तरह के पुलिस स्टेशन-मेट्रोपॉलिटन, शहरी, शहरी-ग्रामीण, ग्रामीण, क्राइम, ट्रैफिक, महिला, जनजाति थानों में जाकर सवाल जवाब किए गए.
68 फीसदी से ज्यादा स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएसओ) और करीब 76 फीदसी सुपरवाइजरी ऑफिसरों ने कहा कि उनका स्टाफ रोजाना 11 घंटे से ज्यादा की ड्यूटी करता है. करीब 27.7 फीसदी एसएचओ और 30.4 फीसदी सुपरवाइजरी ऑफिसरों ने बताया कि उनके थाने में तैनात कर्मी हर दिन 14 घंटे से ज्यादा ड्यूटी पर होते हैं.
अध्ययन में सामने आए ये आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. कानून की रक्षा की जिम्मेदारी करने वाले ही लेबर लॉ का उल्लंघन कर रहे हैं. इसके अलावा यह संविधान की धारा 42 और रोजगार के अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के भी खिलाफ है.
शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में आठ घंटे की शिफ्ट ड्यूटी और ज्यादा से ज्यादा महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती का सुझाव दिया है. उदाहरण के तौर पर केरल की केस स्टडी पेश की गई है. रिपोर्ट की माने तो आठ घंटे की शिफ्ट शुरू किए जाने से केरल में पुलिसकर्मियों की परफॉर्मेंस अच्छी हुई है.