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नोटबंदी के बाद 91 लाख नए लोग कर के दायरे में आए: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी देते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद बेहिसाबी धन ‘गुमनाम’नहीं रहा. इस वजह से करदाताओं की संख्या में 91 लाख का इजाफा हुआ.

वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली
केशवानंद धर दुबे/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2017,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

‘स्वच्छ धन अभियान’पर एक नई वेबसाइट का शुभारंभ करते हुए जेटली ने कहा कि पिछले साल 8 नवंबर को 1000 और 500 के नोट बंद करने के फैसले से डिजिटलीकरण को प्रोत्साहन मिला है. आयकरदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है. कर राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा नकदी लेनदेन में भी कमी आई है.

नोटबंदी के बाद 91 लाख नए लोग कर के दायरे में आए हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी देते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद बेहिसाबी धन ‘गुमनाम’ नहीं रहा. इस वजह से करदाताओं की संख्या में 91 लाख का इजाफा हुआ. वित्त मंत्री ने बताया उन्हें उम्मीद है कि आगे चलकर कर रिटर्न दाखिल करने वालो की संख्या में और वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद व्यक्तिगत आयकर संग्रहण बढ़ा है. इस नए पोर्टल से ईमानदार करदाताओं को फायदा होगा.

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आयकर रिटर्न में हुआ इजाफा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि नोटबंदी के बाद आयकर रिटर्न की ई फाइलिंग में 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद 17.92 लाख ऐसे लोगो का पता लगाया गया है, जिनके पास जमा कराई गई नकदी का हिसाब किताब नहीं है. इसके अलावा कर विभाग ने एक लाख संदिग्ध कर चोरी के मामलों का पता लगाया है.

नोटबंदी से अघोषित आय की मिली जानकारी
उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद 16,398 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया गया है. चंद्रा ने बताया कि 17.92 लाख लोगों द्वारा जमा कराई गई नकदी या नकद लेनदेन उनकी आमदनी से मेल नहीं खाता. इनमें से 9.72 लाख लोगों ने आयकर विभाग की ओर से भेजे गए एसएमएस और ई-मेल का जवाब दिया है.

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