
बहुचर्चित मधुमिता हत्याकांड में सजा काट रहे विधायक अमरमणि त्रिपाठी बीमारी का बहाना बनाकर 2 महीने से जेल से बाहर हैं. मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार की नींद खुली.
राजनीतिक रसूख का किस तरह फायदा उठाया जाता है ये कोई यूपी के पूर्व मंत्री और विधायक अमरमणि त्रिपाठी से सीखे. मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवान कारावास की सजा काट रहे अमरमणि करीब दो महीने से जेल से बाहर हैं लेकिन वाराणसी जेल प्रशासन को कोई सूचना नहीं है.
लेकिन जैसे ही खबर आई कि अमरमणि त्रिपाठी वाराणसी के अस्पताल में इलाज के नाम पर आराम फरमा रहे हैं डीजी स्पेशल लॉ एंड ऑर्डर बृजलाल ने जांच के आदेश दे दिए.
वाराणसी जेल प्रशासन के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर अमरमणि को मां की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए 13 जुलाई को उनके घर गोरखपुर जाने की इजाजत मिली थी. लेकिन दो दिन बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के सीएमओ ने सूचना दी कि अमरमणि को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है.
बताया जा रहा है कि दबाव बढ़ने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ने अमरमणि को 2 सितंबर को पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया. लेकिन जांच में कोई बीमारी नहीं मिली लिहाजा डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया.
इसके बाद अमरमणि लखनऊ मेडिकल कॉलेज गए लेकिन वहां भी आसरा नहीं मिला और आखिर में वो बीएचयू अस्पताल में ही जुगाड़ से भर्ती हो गए.
साफ है इस पूरे मामले में वाराणसी जेल प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ डॉक्टरों और पुलिस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.