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अमित त्रिवेदी: हर पल कुछ नया

कहते हैं ना कि बड़ा सोचना और दूर की सोचना हमेशा अच्छा होता है. और अमित त्रिवेदी ने यही किया. देव डी के इमोशनल अत्याचार  जैसी असाधारण किस्म की धुन से लेकर आयशा  की नरम-नाजुक मेलोडी तक उन्होंने हर तरह का संगीत रचा.

अमित त्रिवेदी अमित त्रिवेदी
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 10 अक्टूबर 2011,
  • अपडेटेड 10:18 PM IST

अमित त्रिवेदी  32 वर्ष
कहते हैं ना कि बड़ा सोचना और दूर की सोचना हमेशा अच्छा होता है. और अमित त्रिवेदी ने यही किया. देव डी के इमोशनल अत्याचार  जैसी असाधारण किस्म की धुन से लेकर आयशा  की नरम-नाजुक मेलोडी तक उन्होंने हर तरह का संगीत रचा. सोलो एल्बम से शुरुआत करके उन्होंने विज्ञापन और गुजराती नाटकों के लिए संगीत तैयार किया. गायिका शिल्पा राव ने उन्हें अनुराग कश्यप से मिलाया, जो किसी नए चेहरे की तलाश में थे.
अंदाज से परेः उनका संगीत पूरी तरह से अप्रत्याशित होता है. इसका उन्हें भरपूर लाभ मिला है. अभिजीत सावंत और प्रशांत तमांग तक के एल्बम के लिए वे संगीत दे चुके हैं.
सच का एहसासः उन्हें लग गया था कि बड़े सितारों के साथ स्पर्धा आसान नहीं, न ही इसका कोई लाभ होगा.
पिक्चर जो बाकी हैः आमिर  से शुरुआत करके वेकअप सिड, उड़ान, आइ एम, चिल्लर पार्टी  वगैरह तो वे कर ही चुके हैं. अब आर. बाल्की की इंग्लिश-विंग्लिश  और करन जौहर की शॉर्टटर्म शादी  के लिए संगीत तैयार कर रहे हैं.
सफलता का राजः भारतीय और पाश्चात्य संगीत दोनों पर बराबर अधिकार और उन्हें भारतीय संवेदनाओं के अनुरूप ढालने की उनकी कुव्वत.
''संगीत को हिट करने के लिए हमेशा स्टार की जरूरत नहीं होती.''

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अमित के साथ गाने तैयार करना हमेशा एक मजेदार अनुभव होता है.
अमिताभ भट्टाचार्य, गीतकार

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