
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की चार अन्य लोगों के साथ हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई. उनके शव और हेलीकाप्टर का मलबा बुधवार को मिला. तवांग से शनिवार को रवाना हुआ उनका हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
हेलीकॉप्टर के दो चालकों सहित इन पांचों ने पवन हंस के एक इंजन वाले यूरोकाप्टर बी-8 से उड़ान भरी थी. दुर्घटना में पांचों की मौत हो गई. हेलीकाप्टर का मलबा और इनके शव राज्य के पर्वतीय इलाके में क्येला और लोबोथांग के बीच एक स्थान पर मिले.
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास संबंधी मामलों के केन्द्रीय मंत्री बी के हांडिक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुख्यमंत्री और चार अन्य की मौत हो गई है.’ खांडू के अलावा हेलीकॉप्टर में सवार अन्य लोगों में पायलट जे एस बब्बर, कैप्टन टी एस मामिक, खांडू के सुरक्षा अधिकारी येशी कोडक और तवांग के विधायक त्सेवांग धोंडप की बहन येशी ल्हामू शामिल हैं.
पिछले दो वर्ष में यह दूसरा मौका है जब हवाई हादसे में मुख्यमंत्री की मौत हुई है. इससे पहले सितंबर 2009 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी का हेलीकाप्टर राज्य की नल्लामल्ला पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त होने से उनकी मौत हो गई थी. एक पखवाड़ा पहले एक अन्य पवनहंस हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 17 व्यक्तियों की मौत हो गई थी.
दो बार इस पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री रहे 56 वर्षीय खांडू मोनपा जनजाति के थे. उनके परिवार में चार पत्नियां, चार पुत्र और दो पुत्रियां हैं. खांडू ने सेना गुप्तचर इकाई में कार्य किया और 1971 के बांग्लादेश लिबरेशन युद्ध में भाग लिया. उन्हें युद्ध के दौरान साहसिक सेवा के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. हांडिक ने बताया कि शवों की खोज का काम चल रहा है और रातभर जारी रहेगा. जरूरत पड़ने पर इसे सुबह भी जारी रखा जाएगा.
उन्होंने बताया कि शवों को एक एक करके भेजा जाएगा. अभी इस बारे में फैसला किया जाना बाकी है कि शवों को तवांग लाया जाएगा या इटानगर. हांडिक ने दिन में कहा था कि खांडू के चुनाव क्षेत्र के एक व्यक्ति और उनके एक रिश्तेदार ने उनके शव की शिनाख्त की. हांडिक ने बताया कि खांडू के मुक्तो चुनाव क्षेत्र के क्येला गांव की पंचायत के नेता थुपटेन ने सबसे पहले खांडू का शव देखने के बारे में एक अधिकारी को सूचित किया.
अधिकारी ने इस बारे में तवांग के उपायुक्त हामिल पाडु को बताया और उन्होंने ने क्येला स्थित सैनिक ठिकाने को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उनके आवास पर रखा जाएगा ताकि लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें. खांडू के उत्तराधिकारी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मुनासिब समय पर इसका ऐलान किया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यहां आएंगे, हांडिक ने कहा कि तमाम औपचारिकताएं तय होने के बाद वह इस संबंध में उनसे संपर्क करेंगे. उन्होंने बताया कि सभी शव 4500 मीटर की ऊंचाई पर लुगुथोंग के निकट क्येला में एक गहरी खाई में पड़े हैं और जवांग जिले में लुगुथोंग से यहां पैदल पहुंचने में लगभग छह घंटे का समय लगेगा.
हांडिक ने कहा, ‘प्रक्रिया गुरुवार सुबह तक चल सकती है और लुगुथांग से शवों को एक एक करके भारतीय वायुसेना के चेतक हेलीकॉप्टर से तवांग भेजा जाएगा, जहां से मृतकों के परिजनों की सहमति से बड़े हेलीकॉप्टर में संभवत: ईटानगर ले जाया जाएगा.
इससे पूर्व दिन में अनिष्ट का आशंका के बावजूद दिल्ली में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने एहतियात बरतना मुनासिब समझा और कहा, ‘मुझे डर है कि खबर दुखद है.’ इससे पूर्व उन्होंने हेलीकॉप्टर का मलबा और उसमें सवार लोगों का पता लगाने के बारे में जानकारी दी.
मुख्यमंत्री की तलाश के लिए चलाए गए अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया, ‘जो भी जानकारी मिली है उससे मुझे डर है कि खबर दुखद है.’ ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण उस जगह पर पहुंच गए हैं, जहां हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई और उन्होंने इटानगर में मुख्यालय को दो शवों की पहचान करने के बारे में सूचित किया, जबकि तीन शव बुरी तरह झुलसने के कारण पहचान की हद से परे हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह उन ग्रामीणों से टुकड़ों में मिली जानकारी है जो दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे के नजदीक पहुंचे हैं, लेकिन सरकार, सेना अथवा पुलिस का कोई अधिकारी वहां पहुंचने में कामयाब नहीं रहा.’ चिदंबरम ने कहा, ‘इन अधिकारियों को वहां पहुंचने में कई घंटे लग सकते हैं क्योंकि यह क्येला से पांच किलोमीटर के फासले पर है.’
उन्होंने बताया कि उस इलाके के ऊपर से उड़ान भरने वाले एक चीता हेलीकॉप्टर ने भी दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का मलबा और वहां पड़े कुछ शवों का पता लगा लिया है. गृह मंत्री ने कहा, ‘हम लुबुथांग से एक अन्य चीता हेलीकॉप्टर को वहां भेजने का प्रयास कर रहे हैं.’
उन्होंने बताया कि सरकार का एक दल भी मौके पर पहुंच रहा है. हांडिक ने कहा कि जनता की इच्छा का सम्मान करते हुए खांडू के शव को यहां लाया जाएगा और उनके बंगले पर रखा जाएगा ताकि लोग उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें.