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भाजपा विधायकों का पोर्न-दर्शन

कर्नाटक विधानसभा के सदन तक पहुंच गया है सेक्स. पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले घटनाक्रम में 7 फरवरी को विधानसभा में बैठे राज्‍य के दो कैबिनेट मंत्री एक स्मार्टफोन की स्क्रीन पर अश्लील फिल्म देखते हुए कैमरे में कैद कर लिए गए.

पोर्न-दर्शन पोर्न-दर्शन
सौम्या अजी
  • बैंगलोर,
  • 11 फरवरी 2012,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST

कर्नाटक विधानसभा के सदन तक पहुंच गया है सेक्स. पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले घटनाक्रम में 7 फरवरी को विधानसभा में बैठे राज्‍य के दो कैबिनेट मंत्री एक स्मार्टफोन की स्क्रीन पर अश्लील फिल्म देखते हुए कैमरे में कैद कर लिए गए.

इन दोनों मंत्रियों, 49 वर्षीय सहकारिता मंत्री लक्ष्मण सावदी और 53 वर्षीय महिला एवं बाल विकास मंत्री सी.सी. पाटिल समेत इन्हें कथित रूप से अश्लील क्लिपिंग फॉरवर्ड करने वाले 56 वर्षीय पर्यावरण मंत्री जे. कृष्ण पालेमर-ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ये सभी सदन की सर्वदलीय जांच के जारी रहने तक विधानसभा से भी निलंबित कर दिए गए हैं.

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इस कांड का खुलासा विधानसभा सत्र की शूटिंग कर रहे एक निजी चैनल टीवी-9 के 31 वर्षीय कैमरामैन श्रीनिवास कुलकर्णी द्वारा अनजाने में ही हो गया. वे दर्शक दीर्घा में खड़े थे और उन्होंने अपना कैमरा जनता दल (एस) के विधायक वेंकटराव नादगौड़ा पर साध रखा था, जो उस समय अपने क्षेत्र में सूखे की गंभीरता पर बोल रहे थे. अचानक कुलकर्णी ने गौर किया कि उसके ठीक नीचे बैठे सावदी घबराए हुए ऊपर की ओर देख रहे हैं कि कहीं कैमरा उन पर तो केंद्रित नहीं है.

कुलकर्णी ने इंडिया टुडे को बताया, ''मैं यह जानने को उत्सुक हो उठा कि वे परेशान क्यों थे. वे अपने मोबाइल में कुछ कर रहे थे. मैंने अपना कैमरा ऑन करके उनके मोबाइल पर जूम किया और यह देखकर घबरा गया कि वे अश्लील फिल्म देख रहे थे. वे दृश्य इतने गंदे थे कि मैं उस बारे में बात भी नहीं करना चाहता.'' सावदी ध्यान से क्लिप को देख रहे थे, जबकि पाटिल मोबाइल फोन की फिल्म को देखने के लिए उस ओर झुके हुए थे. ये वही पाटिल हैं, जो 2 जनवरी के अपने उस बयान के लिए चर्चित हुए थे कि बलात्कार से बचने के लिए स्त्रियों को अपने शरीर को ढ़ककर रखना चाहिए.

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कुलकर्णी की दस मिनट की रिकॉर्डिंग से यह साफ हो गया कि सावदी एक महिला के साथ हो रहे सामूहिक बलात्कार का दृश्य देख रहे थे. वह क्लिप कथित रूप से उत्तरी कर्नाटक में तैयार की गई और प्रसारित हुई थी. उसके बाद एक और क्लिप थी, जिसमें एक स्त्री आंध्र प्रदेश के नंगा नाच कार्यक्रमों की तरह बारी-बारी से अपने कपड़े उतारते हुए नृत्य कर रही थी. आखिरी टुकड़ा पूर्णतया नग्न एक स्त्री और एक पुरुष का था, जो एक कमरे में संभोगरत थे. सावदी द्वारा देखे जा रहे इन क्लिपों को प्रसारित करने वाले सभी टीवी चैनलों ने स्पष्ट रूप से बताया कि उन्होंने दृश्यों को धुंधला करने के साथ-साथ ज्‍यादातर दृश्यों को संपादित कर दिया था क्योंकि वे दृश्य ''आम जनता के देखने योग्य नहीं'' थे.

सावदी ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि इन क्लिप को देखने की वजह यह थी कि वे कांग्रेस के उन आरोपों के जवाब के लिए सामग्री चाहते थे, जिसमें यह कहा जा रहा था कि भाजपा सरकार उडुपी के तट के पास सेंट मेरी'ज द्वीप में फरवरी की एक रेव और सेक्स पार्टी का समर्थन कर रही थी. सावदी ने बताया, ''मैंने कोई अपराध नहीं किया है. मैं एक ऐसा वीडियो देख रहा था, जिसमें चार पुरुष किसी और देश में एक महिला का बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर देते हैं. मैं महज जानकारी एकत्र करने के लिए वह वीडियो देख रहा था.''

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पाटिल ने भी यह कहकर बच निकलने की कोशिश की कि वे दरअसल सावदी द्वारा देखी जा रही क्लिप को बंद करने के लिए झुके थे. उन्होंने दावा किया, ''पोर्न देखना हमारी संस्कृति में शामिल नहीं है और मुझे लगा कि हाउस में उसे देखना उचित नहीं था.'' टीवी चैनलों ने पूर्व मंत्रियों के बयान उनके द्वारा देखी गई क्लिपों के साथ चलाए. इन दृश्यों के प्रसारित होने के चंद मिनटों के भीतर सावदी के विधानसभा क्षेत्र अथानी की विद्युत आपूर्ति पूर्णतया ठप कर दी गई. पाटिल के विधानसभा क्षेत्र नारगुंद में कव्बल टीवी का प्रसारण रोक दिया गया.

भाजपा इस घटना से घबराई हुई है और विपक्षी दल मजाक उड़ा रहे हैं. भाजपा पदाधिकारियों और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं ने भी घटना पर रोष प्रकट किया है. एक मंत्री के सहयोगी पार्टी कार्यकर्ता ने कहा, ''आज विधानसभा के लिए आते समय मेरी पत्नी ने पूछा, तुम क्यों जाना चाहते हो? विधानसभा में तुम लोग यही सब करते हो?''

एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि मंत्रियों के इस व्यवहार से मुझे बहुत घृणा महसूस हो रही है. उसने पूछा, ''उनके बीवी-बच्चे अब उनके साथ में कैसे बैठेंगे?'' संघ के प्रवक्ताओं ने कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए सिर्फ इतना कहा, ''यह पार्टी पर है कि वह क्या कार्रवाई करती है?''

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एक व्यक्ति, जिसने भाजपा/संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के प्रति सहानुभूति प्रकट की, वे जनता दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी थे. उन्होंने पूछा, ''भाजपा और संघ के जमीनी कार्यकर्ताओं ने तमाम कुर्बानियां देकर बड़े प्यार से इन नेताओं को गद्दी पर बिठाया था और बदले में उनसे सिवाय विचारधारा के और कुछ मांगा भी नहीं था. उनके कष्टों का हिसाब अब कौन देगा? क्या मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा या प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के.एस. ईश्वरप्पा के पास कोई जवाब है?'' 

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने ध्यान दिलाया कि पूर्व मंत्रियों ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 292 एवं 293 का उल्लंघन किया है, जो अश्लील फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन को निषिद्ध करती हैं. उन्होंने इंडिया टुडे को बताया, ''चूंकि विधानसभा एक संरक्षित क्षेत्र है, हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दायर कर सकते हैं या नहीं. उन्हें पांच साल तक की कैद और एक लाख रु. से अधिक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. यह हमारे लिए एक काला दिन है और इस कृत्य से भाजपा पूरी तरह बेनकाब हो गई है.''

जनता का गुस्सा भी उबाल पर है. कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने बंगलुरू में सावदी के घर पर हमला किया. नाराज महिलाओं एवं युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए इस मामले में फंसे मंत्रियों का पुतला फूंका. विधानसभा में दिन भर चले विचार-विमर्श के बाद सरकार को झुकना पड़ा और उसने घटना की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया. विधानसभा अध्यक्ष के.जी. बोपैया ने 12 दिसंबर, 2005 के नोट के बदले वोट कांड पर तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के फैसले को उद्धृत करते हुए कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट आने तक तीनों मंत्री निलंबित रहेंगे.

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संसद की तरह विधानमंडल के सदस्यों के लिए भी दोनों सदनों में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है. इस नियम का उल्लंघन करने पर वे अक्सर विधानसभा अध्यक्ष से डांट खाते हैं और बाहर भी निकाले जाते हैं. मोबाइलों का दुरुपयोग रोकने के लिए जैमर भी लगाए गए हैं. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को यह फैसला करना होगा कि मंत्री नियमों का उल्लंघन कर रहे थे या नहीं.

कांग्रेस ने भी अच्छा मौका जानकर कमेटी का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. उसका कहना है कि इस कांड पर लीपापोती करने की कोशिश हो रही है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वर ने कहा कि वे राज्‍यपाल हंसराज भारद्वाज को मांगपत्र देकर सरकार को बरखास्त करने की मांग करेंगे. युवा कांग्रेस इन तीनों मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में बंद का आयोजन कर पहले ही हरकत में आ चुकी है. युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिजवान अरशद ने कहा, ''हम सरकार पर दबाव बनाए रखेंगे.''

इस परिस्थिति में सबसे बड़ा आघात भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा को लगा है क्योंकि तीनों मंत्री उनके गुट के थे. इस घटना को खुद उनकी सत्ता में वापसी की राह में बड़े अवरोध के रूप में देखा जा रहा है. यह 'शरारत रचने' के लिए मीडिया पर बरस पड़े येद्दियुरप्पा ने आगबबूला होकर कहा, ''हमने उच्च नैतिक मूल्यों का प्रदर्शन किया है क्योंकि तीनों मंत्रियों ने घटना के 24 घंटों के भीतर स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है.'' लेकिन इतना कहने भर से यह विवाद खत्म होता नहीं दिखता.

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