
केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने सोमवार को निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि निवेशकों और महत्वपूर्ण पक्षों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी और विकास में तेजी लाएगी.
चिदम्बरम ने वित्त मंत्रालय का प्रभार सम्भालने के बाद पहली बार संवाददाताओं से मुखातिब होते हुए कहा, 'विभिन्न पक्षों की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरने के लिए हमें नीतियों में संशोधन करना होगा.' चिदम्बरम ने निवेश में तेजी लाकर विकास में तेजी लाने की एक योजना को सामने रखा.
उन्होंने कहा, 'विकास में तेजी लाने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से अधिक निवेश हासिल करना होगा. चूंकि निवेश भरोसा होने पर किया जाता है, हमें निवेशकों के मन से किसी भी चिंता या अविश्वास को समाप्त करना होगा.'
उन्होंने कहा, 'हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे. हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है.'
चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा.
चिदम्बरम ने सामान्य कर परिवर्जन रोधी (गार) नियमों और कराधान के नियमों में पिछले समय से लागू होने वाले बदलावों जैसे मामलों में भी संशोधन का संकेत दिया.
मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत उच्च विकास दर फिर से हासिल कर लेगा. उन्होंने कहा कि देश के सामने 1991, 1997 और 2008 में भी ऐसी ही स्थिति थी और देश ने उसका सफलतापूर्वक मुकाबला किया.
चिदम्बरम ने कहा, 'आज आमतौर पर यह माना जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है. पिछले आठ वर्षो में से दो सालों में धीमा विकास होने से हमारा विश्वास कमजोर नहीं हो सकता है.'