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बागमती और महानंदा खतरे के निशान से ऊपर

नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण बिहार की नदियों में उफान जारी है. कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है, तो महानंदा और बागमती कई जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

आईएएनएस
  • पटना,
  • 17 जुलाई 2012,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण बिहार की नदियों में उफान जारी है. कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है, तो महानंदा और बागमती कई जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

पटना के बाढ़ नियंत्रण कक्ष में कार्यरत एग्‍जक्‍यूटिव इंजीनियर मुनीलाल ने मंगलवार को बताया कि सुबह आठ बजे कोसी नदी के वीरपुर बराज से जलस्राव 1,33,400 क्यूसेक था, जबकि सुबह छह बजे यहां से 1,34,380 क्यूसेक जलस्राव रहा. इधर, वाल्मीकीनगर स्थित गंडक बराज में भी गंडक का जलस्राव सुबह आठ बजे 1,34,000 क्यूसेक रहा.

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नियंत्रण कक्ष के मुताबिक बागमती बेनीबाद, डुब्बाधार और झंझारपुर में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है जबकि महानंदा ढाबा में 58 सेंटीमीटर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है.

नदियों के उफान के कारण मुजफ्फरपुर के कटरा और औराई प्रखंड के करीब एक हजार घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जबकि कोसी का पानी सुपौल जिले के निर्मली अनुमंडल के 15 से ज्यादा गांवों में घुस गया है. किशनगंज जिले के ठाकुरगंज, पोठिया और बहादुरगंज प्रखंडों में भी महानंदा नदी का बाढ़ का पानी घुस गया है.

सहरसा जिले के कुछ प्रखंडों में भी बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया है, जिस कारण लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं. सहरसा के मानसी-सहरसा रेलखंड पर कोसी का कटाव जारी है.

कोसी में जलस्राव की वृद्घि के कारण कुछ स्थानों पर तटबंध में कटाव की सूचना है. राज्य के जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक बाढ़ से निपटने के लिए आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सभी तटबंधों की निगरानी की जा रही है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में कोसी की बाढ़ ने करीब तीन लाख से ज्यादा लोगों को बेघर कर दिया था तथा कई लोगों की मौत हो गई थी.

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