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दक्षिणी पाकिस्तान के कराची शहर में एक किशोर हिंदू युवती का कथित रूप से जबरन धर्मान्तरण कराया गया और उसके बाद एक मुस्लिम व्यक्ति से उसका निकाह करा दिया गया. युवती के परिजनों ने इस मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है.
इस युवती का नाम भारती था जिसे अब आयशा नाम दिया गया है. कराची के लयारी इलाके में जबरन धर्मान्तरण और विवाह की इस प्रकार की यह 18वीं घटना है.
युवती के परिजनों ने आरोप लगाया है कि युवती को जबरन इस्लाम कुबूल करवाया गया और एक मुस्लिम युवक से उसका निकाह कर दिया गया. परिजनों ने बगदादी पुलिस थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करायी है तथा स्थानीय अदालत अब इस मामले की सुनवाई कर रही है.
शनिवार को अदालत में पेशी के दौरान युवती ने काले रंग का बुरका पहन रखा था और अपने परिजनों के सामने आने पर उसने उनकी तरफ कोई विशेष ध्यान नहीं दिया और न ही देखा. दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने यह जानकारी दी है.
उसके पिता नारायन दास ने कहा, ‘उस पर यह कहने के लिए दबाव डाला गया है कि उसने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया है क्योंकि ऐसा नहीं करने पर हमें नुकसान पहुंचाया जाता.’
दिल की मरीज भारती की मां इस बात से परेशान थी कि उसने उनकी तरफ देखा तक नहीं. उन्होंने कहा, ‘वह मेरी इकलौती बेटी है. वह मुझे मिलना तक नहीं चाहती और न ही मुझसे बात करना चाहती है. मैंने उसे पैदा किया, उसे पाल पोस कर बड़ा किया.’
दास अपने साथ नेशनल डाटाबेस और रजिस्ट्रेशन अथारिटी के रिकार्ड की कापी लेकर आए थे जिसमें दर्ज है कि उनकी बेटी 15 साल की है. हालांकि उसके धर्मान्तरण और शादी का प्रमाणपत्र दिखाता है कि वह 18 साल की है.
दास ने कहा, ‘शादी के दस्तावेजों में उसकी उम्र के साथ छेड़छाड़ की गयी है. वह शादी के लायक नहीं है.’ भारती के पति आबिद पर उसके परिजनों ने उसका अपहरण करने का आरोप लगाया है.
लड़की के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि आबिद एक ‘वांछित व्यक्ति’ है जो ‘मादक पदार्थ का इस्तेमाल करता है और हर लड़की पर उसकी नजर रहती है.’ दास अपनी बेटी के इस्लाम कुबूल करने के खिलाफ नहीं हैं. उनके बेटे ने भी धर्मान्तरण किया है और वे एक ही घर में रहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे ने इस्लाम कुबूल किया है और वह हमारे साथ रहता है. मेरा उससे कोई झगड़ा नहीं है. मेरा बेटी से भी कोई झगड़ा नहीं है. उससे जबरन धर्मान्तरण नहीं कराया जाना चाहिए था.’
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के उपाध्यक्ष अमरनाथ मोटूमल अदालत में दास परिवार के मामले की पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लड़कियों के जबरन धर्मान्तरण के कई मामले देखे हैं जहां लड़कियां फिर कभी घर नहीं लौटीं.
अमरनाथ मोटूमल ने कहा, ‘उसका (भारती) बयान सोमवार को दर्ज किया जाएगा. देखिए अदालत क्या फैसला करती है. हो सकता है कि यह आखिरी बार हो जब उसके परिजन उसे देखें. अदालत में जाने से पूर्व भारती ने कहा कि उसका निकाह और धर्मान्तरण एकाएक लिया गया फैसला था.
उसने कहा, ‘मैं आबिद को बहुत पसंद करती हूं. मैं उससे मिलने के लिए बाजार गयी थी और उसी समय हमने भागने का फैसला किया.’ प्रिदी पुलिस थाने में कांस्टेबल उसके ससुर मोहम्मद अनवर ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘वह हमेशा से ही मुसलमान बनना चाहती थी और उसे इस्लाम के बारे में जानकारी है.’
दास परिवार ने कहा कि उसे आशंका है कि यदि अदालत ने लड़की को आबिद के परिवार वालों को सौंप दिया तो उसे बेच दिया जाएगा या मार दिया जाएगा. उसके रिश्तेदारों ने कहा कि वह इस बात की गारंटी चाहते हैं कि उन्हें भारती से मिलने की अनुमति होगी और वह सुरक्षित रहेगी.
एक निराश रिश्तेदार ने कहा, ‘हम सभी के दिल टूट चुके हैं. यदि हमें न्याय नहीं मिला तो हम सभी यहां से पलायन कर जाएंगे.’