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निठारी हत्याकांड में 12 वर्ष की बच्ची को अगवा करने, उसके साथ बलात्कार करने और उसकी हत्या करने के मामले में एकमात्र आरोपी सुरेंद्र कोली को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने यहां बुधवार को मौत की सजा सुनाई. साल 2006 में प्रकाश में आए श्रृंखलाबद्ध हत्याओं के इस जघन्य मामले में कोली को यह चौथा मृत्युदंड मिला है.
आपको बता दें कि बारह वर्षीय दीपाली तारिक सरकार की पुत्री थी. 19 जुलाई 2006 को उसकी मां रीता सरकार ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि दीपाली 18 जुलाई 2006 को सेक्टर-16 के भवन संख्या 816 व 819 में घरेलू कार्य करने गई थी, लेकिन वह नहीं लौटी.
29 दिसंबर 2006 को सुरेंद्र कोली की गिरफ्तारी हुई. अन्य पीड़ितों के साथ दीपाली की मां भी खूनी कोठी पर पहुंची, वहां से सुरेंद्र कोली की निशानदेही पर बरामद हुई चप्पल के आधार पर पीड़ित मां ने दीपाली की शिनाख्त की.
सुरेंद्र कोली ने भी पुलिस को दिए बयान में दीपाली की हत्या की बात स्वीकार की. सीबीआई ने रीता सरकार व दीपाली के डीएनए का परीक्षण भी कराया था. यह मैच कर गया था.
निठारी कांड में अभी तक तीन हत्या के मामलों में फैसला आ चुका है. जिसमें रिंपा हलधर हत्याकांड में मोनिंदर सिंह पंधेर व सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई गई थी.
इसके बाद आरती मर्डर केस व रचना लाल मर्डर केस में भी फैसला आ चुका है. दोनों की मामलों में सुरेंद्र कोली को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले में भी सुरेंद्र कोली को ही आरोपी बनाया गया था.