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पाकिस्‍तान नहीं है एक सामान्‍य देश: आईएमएफ

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक अधिकारी का कहना है कि तेजी से बढ़ रही आतंकवाद की चुनौती और चरमपंथी संगठनों की हिंसा का सामना कर रहा पाकिस्तान एक सामान्य देश नहीं है.

भाषा
  • वॉशिंगटन,
  • 29 जून 2010,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक अधिकारी का कहना है कि तेजी से बढ़ रही आतंकवाद की चुनौती और चरमपंथी संगठनों की हिंसा का सामना कर रहा पाकिस्तान एक सामान्य देश नहीं है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक डोमिनिक स्ट्रास कान ने पाक की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये संवाददाताओं से कहा कि वह नहीं मानते कि वर्तमान हालात में पाक एक सामान्य देश या तनावमुक्त देश है.

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उन्होंने कहा ‘‘युद्ध और सैन्य कार्रवाई की वजह से पाकिस्तान में विशेष हालात हैं, इसलिए मैं कहूंगा कि यह एक सामान्य देश या तनावरहित देश नहीं है.’’ बहरहाल उन्होंने वर्तमान वित्तीय हालात से उबरने के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.

उन्होंने कहा ‘‘मैं सोचता हूं कि पाकिस्तान सरकार ने इस दिशा में अच्छा कदम उठाया है, लेकिन अभी भी वैट लागू करने के बारे में हमारे सामने सवाल हैं. हमें ऊर्जा संकट के बारे में सोचना है. इस बारे में सरकार से कई बार बातचीत हुई है. एक सवाल के जवाब में कान ने कहा ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि सरकार कई कदम उठा चुकी है.’’{mospagebreak}संवाददाताओं ने कान से पूछा कि पाकिस्तान के कथित मित्र देश उसे संसाधन उपलब्ध कराने में कितनी मदद कर सकते हैं क्योंकि संसाधनों की यह जरूरत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से पूरी होती प्रतीत नहीं हो रही है. इस पर उन्होंने कहा ‘‘मुझे लगता है कि इसमें थोड़ा समय लग रहा है लेकिन प्रकिया सामान्य है. कुछ चिंता जरूर है लेकिन कोई बड़ी समस्या नहीं है.’’ वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मई में 1.13 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज घोषित किया था और कुछ शर्तों के आधार पर दो तरह की छूट की भी अनुमति दी थी.

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इस ‘‘बेलआउट पैकेज’’ यानी राहत पैकेज के तहत पाकिस्तान वेट लागू करने के लिए सहमत हो गया. तोक्यो में पिछले साल अप्रैल में संपन्न पाकिस्तान के दानदाता सम्मेलन में विभिन्न देशों ने पाकिस्तान के स्थिरीकरण के लिए 5.28 अरब डालर की सहायता की अपील की थी. पिछले साल अमेरिकी कांग्रेस ने पांच साल के लिए पाकिस्तान को 7.5 अरब डालर की सहायता देने की योजना को मंजूरी दी थी.

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