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सीएनएन, टाइम ने फरीद जकारिया को निलंबित किया

भारतीय मूल के प्रख्यात अमेरिकी पत्रकार और लेखक फरीद जकारिया को उनके नियोक्ता सीएनएन और टाइम पत्रिका ने निलंबित कर दिया है. जकारिया द्वारा साहित्यिक चोरी करने और नैतिक आचार में खामियां स्वीकार करने के बाद उन्हें निलंबित किया गया है.

फरीद जकारिया फरीद जकारिया
भाषा
  • न्यूयॉर्क,
  • 11 अगस्त 2012,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

भारतीय मूल के प्रख्यात अमेरिकी पत्रकार और लेखक फरीद जकारिया को उनके नियोक्ता सीएनएन और टाइम पत्रिका ने निलंबित कर दिया है. जकारिया द्वारा साहित्यिक चोरी करने और नैतिक आचार में खामियां स्वीकार करने के बाद उन्हें निलंबित किया गया है.

जकारिया ने स्वीकार किया कि टाइम पत्रिका में हथियार नियंत्रण पर लिखे एक लेख में उन्होंने न्यूयॉर्क की एक पत्रिका से सामग्री चोरी की थी जिसके बाद उन्हें सीएनएन और टाइम पत्रिका ने निलंबित कर दिया. उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने ‘भयावह गलती’ की और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अमेरिकी इतिहास के प्रोफेसर जिल लेपोर के लेख का एक पैरा लेना ‘नैतिक खामी’ है.

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याले और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले जकारिया ने हथियार नियंत्रण पर एक स्तंभ लिखा था जो टाइम पत्रिका के 20 अगस्त के अंक में छपा. टाइम ने कहा कि जकारिया के स्तंभ को एक महीने के लिए रोका जा रहा है और इसकी समीक्षा हो रही है.

पत्रिका के प्रवक्ता अली जेलेंको ने कहा, ‘टाइम फरीद के माफीनामे को स्वीकार करता है लेकिन उन्होंने जो किया वह स्तंभकारों के लिए हमारे मापदंड का उल्लंघन है. उनका काम न केवल तथ्यात्मक होना चाहिए, बल्कि मौलिक भी होना चाहिए. उनके विचार न केवल उनके अपने होने चाहिए, बल्कि उनके शब्द भी अपने होने चाहिए.’

टाइम ने कहा, ‘परिणामस्वरूप हम फरीद के स्तंभ को एक महीने के लिए रोक रहे हैं और आगे की समीक्षा जारी है.’ जकारिया सीएनएन पर विदेशी मामलों पर साप्ताहिक शो ‘फरीद जकारिया जीपीएस’ लेकर आते थे जिसे अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है. सीएनएन ने कहा, ‘हम फरीद जकारिया के टाइम में स्तंभ की समीक्षा कर रहे हैं जिसके लिए हम माफी मांगते हैं.

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उन्होंने सीएनएन डॉट कॉम पर इसी मुद्दे पर एक छोटा ब्लॉग लिखा है जिसमें वही पैरा है. उस ब्लॉग पोस्ट को हटा दिया गया है और सीएनएन ने फरीद जकारिया को निलंबित कर दिया है जबकि मामले की समीक्षा हो रही है.’ जकारिया ने एक बयान में कहा, ‘मीडिया की खबरों में बताया गया कि हथियार नियंत्रण पर टाइम में मेरा स्तंभ जिल लेपोर के लेख के पैराग्राफ से काफी मिलता-जुलता है जो द न्यूयॉर्कर के 23 अप्रैल के अंक में छपा था. वे ठीक हैं. मैंने भयावह गलती की.’

जकारिया ने कहा, ‘यह गंभीर गलती है और यह पूरी तरह मेरी गलती है. मैं उनसे, टाइम और सीएनएन के अपने संपादकों और पाठकों एवं दर्शकों से माफी मांगता हूं.’ जकारिया सीएनएन में एक शो आयोजित करते हैं, टाइम के विदेश संपादक हैं, द वॉशिंगटन पोस्ट में स्तंभकार और लेखक हैं. अंतरराष्ट्रीय संबंधों, वाणिज्य एवं अमेरिकी विदेश नीति पर वह टिप्पणीकार और लेखक हैं.

मुंबई में जन्मे जकारिया को पत्रकारिता में योगदान के लिए 2010 में पद्म भूषण दिया गया था. वह पत्रिका के विदेश मामलों के प्रबंध संपादक हैं. वर्ष 2010 में सीएनएन जाने से पहले न्यूजवीक इंटरनेशनल के दस वर्षों तक संपादक रहे. द वॉशिंगटन पोस्ट के संपादकीय पन्ने के संपादक फ्रेड हियात ने कहा कि वह भी जकारिया के कार्यों की जांच शुरू करेंगे.

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हियात ने कहा, ‘फरीद जकारिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उनकी ईमानदारी को लेकर हमें कभी संदेह नहीं रहा. आज उनके बारे में पता चलने के बाद हम उनके साथ कार्यों की समीक्षा करेंगे.’ टाइम के स्तंभ ‘द केस फॉर गन कंट्रोल’ में एक पैरा न्यूयॉर्कर पत्रिका में लेपोर के लेख से काफी मिलता-जुलता है.

स्तंभों में एकरूपता के बारे में सबसे पहले वेबसाइट न्यूजबस्टर्स ने पता लगाया और इंटरनेट पर काफी तेजी से यह प्रसारित हुआ. प्रख्यात विज्ञान लेखक जोना लेहरर ने दो हफ्ते पहले ही स्वीकार किया था कि बॉब डीलन की उक्तियों को तोड़-मरोड़कर उन्होंने सर्वाधिक बिकने वाली किताब ‘इमेजिन: हाउ क्रिएटिविटी वर्क्‍स’ में पेश किया. इस घटना के बाद लेहरर को इस्तीफा देने को बाध्य होना पड़ा था और प्रकाशक हाउटन मिफलीन हारकोर्ट ने कहा कि वह किताब की प्रकाशित प्रतियों को वापस मंगाएंगे.

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