
आज विजयदशमी है. दिल्ली सहित पूरे देश में दशहरे की धूम है. शाम को रावण दहन का कार्यक्रम होगा. दशहरा रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक हैं. रावण को मारने से पहले भगवान श्रीराम ने दुर्गा की आराधना की थी. मां दुर्गा ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें विजय का वरदान दिया था.
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक
विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं. रावण दहन के साथ ही रामलीला का अंत हो जाएगा. वहीं दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाएगा.
दुर्गा विसर्जन के लिए खास इंतजाम
मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए इस बार दिल्ली में घाटों पर खास इंतजाम किए गए हैं. गहरे पानी की चेतावनी वाले बोर्ड के साथ-साथ सुरक्षा के लिए बाड़े लगाए गए हैं. विसर्जन के वक्त घाटों पर पुलिस भी तैनात रहेगी. ट्रैफिक पुलिस ने विसर्जन के दौरान जाम से बचने के लिए घाटों की तरफ जाने वाले रास्तों से बचने की सलाह दी है.
कौन है आज का असली रावण
राजधानी में जगह-जगह चल रही रामलीला भी रावण दहन के साथ बुधवार को खत्म हो जाएंगी. हर साल की तरह इस बार भी पूरे जोश के साथ रावण के पुतले फूंके जाएंगे लेकिन उन बुराई रूपी रावणों का क्या जो हमारे समाज को खोखला कर रहे हैं. इन रावणों को हम कब पहचानेंगे. ऐसे में आपसे सवाल है कि 'क्या भ्रष्टाचार हमारे समाज का सबसे बड़ा रावण है?'