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नोटबंदी से लाखों रुपये हो गए बेकार, इंजीनियर बोला- रिश्वत लेना गलत नहीं

भारी संपत्ति जमा करने वाले लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर ने नाम न बताने की शर्त पर एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू भी दिया है. इंजीनियर ने कहा है कि घूस लेने पर उसे शर्म नहीं आती. उसने कहा कि बाजार में पर्याप्त नए नोट आने के बाद वह अपना कालाधन बदलने की कोशिश करेगा.

इंजीनियर ने घूस लेने का बचाव किया इंजीनियर ने घूस लेने का बचाव किया
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

काले धन को लेकर किए गए नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश के एक इंजीनियर ने घूस लेने का बचाव किया है. भारी संपत्ति जमा करने वाले लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर ने नाम न बताने की शर्त पर एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू भी दिया है. इंजीनियर ने कहा है कि घूस लेने पर उसे शर्म नहीं आती. उसने कहा कि बाजार में पर्याप्त नए नोट आने के बाद वह अपना कालाधन बदलने की कोशिश करेगा. उसने करीब 48 लाख रुपये जमा कर रखा है.

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इंजीनियर ने कहा कि सरकारी नौकरी में घूस लेना कोई टैबू नबीं है. उसने कहा कि कमीशन के तौर पर अतिरिक्त पैसा लेना जरूरत है. उन्होंने कहा कि उसे पैसे मांगने की भी जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि हर काम के रेट पहले से ही तय रहते हैं. नीचे से ऊपर तक के अधिकारी से लेकर मंत्रियों तक को इससे लाभ मिलता है. इंजीनियर ने कहा कि उससे विभिन्न पर्व त्योहारों पर अपने सीनियर और उसके फैमिली मेंबर को महंगे गिफ्ट भी देने की उम्मीद की जाती है. वह अपनी सैलरी से ऐसा नहीं कर सकता. इसलिए घूस लेना जरूरी हो जाता है.

मोदी की घोषणा के बाद कुछ नहीं सूझ रहा था इंजीनियर को
मोदी ने जिस रात नोटबंदी की घोषणा की, उस रात इंजीनियर को काफी देर तक कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. उसने बताया कि सरकारी ठेकों से उसे रिश्वत मिलती है और उसने भारी मात्रा में कैश जुटाए हैं. उसके सहयोगियों ने भी ऐसा किया है.

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इंजीनियर ने खुद की संपत्ति का यह कहते हुए बचाव कि उसके पास जो धन है वह दूसरों के मुकाबले कुछ भी नहीं है. उसने कहा कि उसके पास महज एक हैचबैक कार है जबकि दूसरे सेडान और एसयूवी में घूमते हैं.

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