राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) में पढ़ चुकीं निवेदिता साबू अपने फैशन डिजाइन दुनियाभर में रैंप तक ले जा चुकी हैं. उनका मानना है कि अत्याधुनिक फैकल्टी और सबसे निराली रिसर्च और डेवलपमेंट टीम की बदौलत निफ्ट प्रतिभाशाली डिजाइनर्स और फैशन उद्यमी तैयार करता है. मनीष अरोड़ा, राजेश प्रताप सिंह, ऋतु बेरी और जे.जे. वलाया जैसे नामी फैशन डिजाइनर का ठिकाना रह चुका निफ्ट-दिल्ली आज फैशन और डिजाइन सीखने वालों में पहली पसंद बन चुका है. ये डिजाइनर न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में अपने हुनर का लोहा मनवा चुके हैं. इतना ही नहीं, देसी डिजाइनरों के लेबल भी काफी सफल हैं और बतौर उद्यमी इन्होंने सफलता की कहानियां लिखी हैं.
निफ्ट-दिल्ली ने लगातार दूसरी बार इंडिया टुडे-नीलसन बेस्ट कॉलेज सर्वे की फैशन रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया है. साबू का कहना है, ‘‘निफ्ट जिस तरह की साझेदारियां और एक्सपोजर देता है, वे किसी से कम नहीं हैं. इसके विभिन्न इंटर्नशिप कार्यक्रमों और भारतीय तथा अंतरराष्ट्रीय डिजाइनरों के साथ गठजोड़ की वजह से फैशन में करियर की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.’’ इसके पांच अन्य कैंपस भी टॉप 10 की सूची में हैं-मुंबई, बंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नै और कोलकाता.
दिल्ली की पर्ल एकेडमी दूसरे नंबर पर है और पुणे का सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अपनी शैक्षिक और दूसरी गतिविधियों के दम पर टॉप 10 की सूची में आ गया है. फैशन से जुड़ी उच्च क्वालिटी की एजुकेशन और मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से इन्होंने यह रैंक हासिल करने में कामयाबी हासिल की है.
निफ्ट के 15 कैंपस में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर डिजाइन और फैशन टेक्नोलॉजी में कोर्सेज के लिए 3,300 सीटें हैं जिनके लिए प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. फैशन के विषय सिर्फ कपड़ों के डिजाइन तक ही सीमित नहीं हैं. यहां एक्सेसरीज और लेदर डिजाइन, निटवियर फैशन और फैशन कम्युनिकेशन के बढ़ते क्षेत्र में भी कोर्स चलाए जा रहे हैं. इनकी वजह से भी छात्रों का आकर्षण इस संस्थान की ओर खास तौर से बढ़ा है.
निफ्ट-दिल्ली अपने छात्रों और कर्मचारियों को कैंपस में आरामदेह सुविधाएं देने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी की मदद से लगातार कोशिश करता रहता है. जुलाई, 2013 में नए छात्रों के लिए निफ्ट डीसी (दिल्ली सेंटर) स्टुडेंट हैंड बुक निकाली गई, जिससे उन्हें सारी जानकारी मिल सके. इसी तरह निफ्ट-दिल्ली ने पिछले साल पहली बार बायोमीट्रिक अटेंडेंट व्यवस्था शुरू की. नवंबर, 2013 में द्वैमासिक निफ्ट डीसी न्यूज लेटर भी शुरू किया गया है.
यह संस्था लगातार सुधार कर रहा है. अप्रैल, 2013 में इंस्टीट्यूट में कर्मचारियों की सुविधा के लिए पहली बार ई-पे स्लिप देना शुरू किया गया है जिससे कैंपस में सभी कर्मचारियों को तुरंत पे-स्लिप मिल सके और उससे जुड़ी हर तरह की जानकारी भी गोपनीय रहे. यही नहीं, छात्रों की राय के आधार पर और सामजिक सरोकारों को पूरा करने के लिए दिल्ली सेंटर निफ्ट का पहला सेंटर है जिसने मई, 2013 में महिला सुरक्षा समिति गठित करने का काम किया है.
क्या कहते हैं दिग्गजः