
झज्जर की उपायुक्त सोनल गोयल न केवल अपने जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का निरीक्षण करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रति दिन जाती हैं, बल्कि स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए मनोहर लाल खट्टर सरकार की अनूठी पहल "सक्षम'' की समीक्षा के लिए हर पखवाड़े एक बैठक भी करती हैं.
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और मिशेल ऐंड सुसान डेल फाउंडेशन के आंशिक अनुदान से सक्षम कार्यक्रम को 18 महीने पहले शुरू किया गया था और चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी निगरानी होती है. खट्टर के अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता कहते हैं, "कार्यक्रम का लक्ष्य है हरियाणा के 80 फीसदी स्कूली छात्रों में ग्रेड-स्तर की योग्यता का विकास करना.''
इसका अर्थ हुआ कि उन्हें वह सब जानना और सीखना चाहिए जिसकी उनके ग्रेड के छात्रों से आशा की जाती है. सक्षम का लक्ष्य विद्यार्थियों को हिंदी और गणित में विशेषता दक्षता स्तर हासिल कराना है.
हरियाणा के स्कूलों में 40 प्रतिशत से कम ग्रेड-स्तरीय दक्षताओं को देखते हुए, यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य था. लेकिन राज्य के शैक्षिक रूप से सबसे पिछड़े जिलों के करीब 600 स्कूलों ने साबित कर दिखाया है कि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.
निगरानी और मूल्यांकन करने वाली हैदराबाद की एक प्राइवेट एजेंसी ग्रे मैटर्स इंडिया (जीएमआइ) ने अपनी कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद इस साल मई में हरियाणा के 119 शिक्षा प्रखंडों में से सात को "सक्षम'' घोषित किया था.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समग्र शिक्षा कार्यक्रम से जुड़े और चंडीगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय से संबंद्ध अनीश चौधरी बताते हैं कि इसमें अभ्यास का स्तर बढ़ाने का कार्यक्रम (लर्निंग इन्हांस्मेंट प्रोग्राम) भी शामिल है.
पढ़ाई मंग कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें सबकी बराबरी में लाने के लिए "जीरो पीरियड'' भी लगाए जाते हैं. शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए सक्षम में पहली बार सूचना के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा हैरू शिक्षकों के प्रशिक्षण का मॉड्यूल व्हॉट्सऐप से भेजा जा रहा है और प्रगति रिपोर्ट गूगल फोरम पर निरंतर डाली जा रही है.
चौधरी का कहना है कि राज्य शिक्षा विभाग आवश्यक छात्र-शिक्षक अनुपात को पूरा करने के लिए और शिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ अनुबंध पर शिक्षकों को रख रहा है ताकि यह कार्यक्रम अपने लक्ष्य को पूरा कर सके. वे बताते हैं, "ऐसा पहली बार हुआ है कि अकादमिक सत्र शुरू होने से पहले हरियाणा के छात्रों को अब पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध हो रही हैं.''
झज्जर जिले के कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सुदर्शन पूनिया ने कहा कि सात प्रखंडों को सक्षम घोषित किए जाने के बाद बाकी बचे स्कूलों में इसको लेकर एक प्रतिस्पर्धा की भावना आई है. झज्जर ने श्स्टार्य शिक्षकों की भी पहचान की है, जिन्हें पाठ्यक्रम तैयार करने और दूसरे शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
पूनिया कहते हैं, "शिक्षकों को तर्क और समझ के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.''
गुप्ता और चौधरी, दोनों कहते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय के सक्षम सेल से लेकर 119 शिक्षा ब्लॉक तक मजबूत समीक्षा और निगरानी प्रणाली, इस कार्यक्रम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है.
23 और प्रखंडों (लगभग 23,000 छात्रों) ने 1 अगस्त को जीएमआइ के मूल्यांकन के लिए खुद को नामांकित किया है और राज्य के 40 अन्य ब्लॉकों के लिए 1 सितंबर तक मूल्यांकन के लिए पूरी तरह से तैयार होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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