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भारतीय राजनीति में जहां महज आठवीं और दसवीं पास नेता बड़े-बड़े मंत्रालय संभाल चुके हों, वहां एक नेता ऐसा था, जिसकी शिक्षा उसकी पहचान बनी. कांग्रेस के नेता श्रीकांत जिचकरके पास एक नहीं बल्कि 20 बड़ी डिग्रियां थीं. वो डिग्रियां जो एक आम इंसान पूरी ज़िंदगी लगाकर कमाता है.
जानिए इस करिश्माई शख्सियत के बारे में चौंकाने वाली बातें...
1. कौन-कौन सी थीं डिग्रियां...
डिग्रियों की फेहरिस्त की बात करें तो श्रीकांत जिचकर ने कई विषयों में MA की थी. उन्होंने पत्रकारिता के साथ MBA और बिजनेस स्टडी में डिप्लोमा किया था. इसके उन्होंने D.Litt और इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था. डॉक्टर वो Phd के बूते नहीं बल्कि MBBS और MD करने के कारण कहलाते थे. श्रीकांत इतने मेधावी थे कि वो 1978 में IPS और 1980 IAS के लिए भी चयनित हुए.
2. राजनीति में कदम!
इतनी डिग्रियां हासिल करने के बाद श्रीकांत 1980 में IAS के लिए चयनित हुए. अपना मन बदलते हुए इसी साल उन्होंने महाराष्ट्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और अपनी पहली राजनीतिक जीत दर्ज की.
3. राजनीति में बढ़ी धाक!
अपने ज्ञान और शिक्षा के बूते श्रीकांत ने राजनीति में मजबूत पकड़ हासिल कर ली. जल्द ही उन्हें ताकतवर मंत्रालय भी मिल गया. उनकी योग्यता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि उन्हें 14 विभाग सौंप दिए गए. 1986 से 92 तक वो महाराष्ट्र विधान परिषद और 1992-98 में राज्यसभा के सांसद रहे. 25 साल की उम्र में वह MLA बन गए थे.
4. किताबों का भंडार
इतनी डिग्रियों और शिक्षा से अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्रीकांत का किताबों से कितना करीबी नाता रहा होगा. श्रीकांत की अपनी निजी लाइब्रेरी रही, जिनमें 52 हजार से ज्यादा किताबें थीं.
5. दुर्घटना में चले बसे श्रीकांत
कहा जाता है कि अच्छे लोग दुनिया से जल्दी चले जाते हैं, श्रीकांत इसका एक और उदाहरण हैं. साल 2004 में नागपुर से 40 किमी दूर एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. राजनीति में ज्ञान और शिक्षा की अहमियत स्थापित करने वाले श्रीकांत इस तरह दुनिया को अलविदा कह गए.
सौजन्य: NEWSFLICKS