
नोटबंदी के बाद 200 से अधिक व्यक्तियों और कंपनियों ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में विभिन्न बैंक खातों में 600 करोड़ रुपये की अघोषित राशि को जमा कराया है. जबकि नामककल जिले के तिरुचेंगोड में एक व्यक्ति ने भारतीय ओवरसीज बैंक की एक शाखा में 246 करोड़ रुपये जमा कराए.
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक इतनी बड़ी रकम जमा करने के बाद से ही ये व्यक्ति आयकर विभाग की नजर में आ गया. अधिकारियों ने कहा कि हम 15 दिनों से उसका पीछा कर रहे थे, जिसने IOB की ग्रामीण शाखा में इतना नकद जमा कराया. सबसे पहले उसने छिपने की कोशिश की, लेकिन कुछ दिनों के बाद वह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कर के रूप में कुल पैसे का 45% भुगतान करने को तैयार हुआ. साथ ही बची रकम में से 25 प्रतिशत सरकार द्वारा बिना ब्याज के रख ली जाएगी.
उस व्यक्ति द्वारा जमा की गई नकदी पुरानी करेंसी में थी. ऐसी ही कई और व्यक्ति और कंपनियां हैं, जिन्होंने अपने खातों में नकद जमा कराया और स्वीकार कर लिया है कि ये अघोषित आय वाले थे. इनमें से ज्यादातर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में शामिल हो गए हैं, जो कि 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि महीने के अंत तक कुल अघोषित आय 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी.
ये है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, भारत सरकार की एक योजना है जिसमें भ्रष्ट लोगों बैंकों में जमा कराये जाने वाले काले धन को सरकार गरीबों के विकास में लगाएगी. वास्तव में ये योजना सरकार ने उन (भ्रष्ट) लोगों के लिए शुरू की है जिनके पास अघोषित संपत्ति है. ऐसे लोग इस योजना के तहत गरीब कल्याण योजना में पैसे जमा कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने 31 मार्च तक का समय दिया है. साथ ही इस योजना के तहत सिर्फ एक बार ही पैसा जमा किया जा सकता है.