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व्यंग्य: तंबाकू पर रिसर्च के लिए भारतीयों को सम्मान, स्वामी की बांछें खिलीं

तंबाकू के प्रभावों पर पिछले तीन दशकों से शोध कर रही एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ने इस वर्ष पहली बार दो भारतीयों को वार्षिक पुरस्कार के लिए चुना है. पुरस्कार विजेताओं का नाम दिलीप गांधी और श्यामचरण गुप्ता हैं. ये दोनों बीजेपी सांसद भी हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

तंबाकू के प्रभावों पर पिछले तीन दशकों से शोध कर रही एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ने इस वर्ष पहली बार दो भारतीयों को वार्षिक पुरस्कार के लिए चुना है. पुरस्कार विजेताओं का नाम दिलीप गांधी और श्यामचरण गुप्ता हैं. ये दोनों बीजेपी सांसद भी हैं.

मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ सालों के आंकड़े बताते थे कि हर साल लगभग पचास लाख लोग तंबाकू उत्पादों के प्रयोग के कारण जान गंवाते हैं लेकिन इन दोनों ने इस तथ्य को झुठला दिया. इन्होनें बताया कि कैसे दिन में 60 सिगरेट पीने वाले लम्बी उम्र जीते हैं और तंबाकू पाचन क्रिया में सहायक है. पुरस्कार मिलने की प्रमुख वजह तंबाकू को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने और तंबाकू के गुणों को जन-जन तक पहुंचाने का इनका प्रयास बताया गया है.

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इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दोनों सांसदों को ट्वीट कर बधाई दी है और कहा है कि देश को उन पर गर्व है. उनकी खोज एक बार फिर हमें विश्वगुरु बनाकर ही दम लेगी. प्रधानमंत्री ने जरूरत इस बात की भी बताई कि मेक इन इंडिया के तहत देश में ज्यादा से ज्यादा 'बीड़ियां' बनाई जाएं. फिल्टर लगी सिगरेट हमें जमती नही हैं. स्वदेशी बीड़ियां ही हमारे लिए सही है. अभी देश में हर साल 10 अरब सिगरेट बनती हैं इसे बदलकर 25 अरब बीड़ियां करना होगा.

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस अवसर पर कहा कि ये हजारों साल पुरानी सभ्यता का सम्मान है. सिगरेट की खोज यहीं तो हुई थी जिसे हम धूम्रपान कहा करते थे. विराट हिंदू हमेशा से धूम्रपान के गुणों से परिचित थे साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे धूम्रपान से ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों का उपचार संभव है. बॉलीवुड ने भी इस पर खुशी जताई है अनुराग कश्यप ने इसे 'धूम्रपान विरोधी चेतावनी' पर्दे पर न दिखाने की उनकी मुहिम से जोड़कर बताया कि शायद अब सेंसर बोर्ड में बैठे लोगों की आंखों से पर्दा हटे.

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विपक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने आज तक तंबाकू उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ नही किया. जबकि केन्द्र में यूपीए की सरकार रहते भले गेंहू खुले में सड़ जाए, तंबाकू खराब होने की खबर कभी नहीं आई.

वित्तमंत्री ने उम्मीद जताई है कि 72 करोड़ 50 लाख के मुकाबले अगले साल देश में उसका तिगुना तंबाकू उत्पादन होगा. देश भर से इसके बाद प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरू हो गई हैं. आनन-फानन में 'Smoking is injuries to health' वाले पोस्टर्स को हटाने का अभियान चला दिया गया है.

कॉलेजों के हॉस्टल्स में हर्ष का माहौल है. कार्यालयों में अलग से धूम्रपान कक्ष बनाए जा रहे हैं. बीमा कम्पनियों ने सिगरेट पीने वालों के लिए अलग पॉलिसीज की घोषणा की है. रेलवे ने भी धूम्रपान करने वालों को किराए में छूट देने की घोषणा की है.

(नोट: यह कल्पना पर आधारित व्यंग्य है. इसका मकसद सिर्फ स्वस्थ मनोरंजन करना है.)

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