
राजधानी के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक वसंत वैली स्कूल में एक इंटर स्कूल 'आजतक हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता' का आयोजन किया गया, जिसमें 16 स्कूल बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. दो दिनों तक चलने वाले इस प्रतियोगिता का आज पहला दिन था, जिसमे वसंत वैली स्कूल के बच्चे आगे चल रहे हैं.
राजधानी के स्कूलों में अंग्रेज़ी इन दिनों बोल चाल का मुख्य साधन है, ऐसे में दिल्ली के वसंत वैली स्कूल ने देश की मात्र भाषा हिंदी का महत्व समझाने के लिए एक अनोखी पहल की है. पिछले कुछ सालों से वसंत वैली स्कूल 'आजतक हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता' का आयोजन करा रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य 'हिंदी' को राजधानी के स्कूलों में बोलचाल की भाषा के रूप में आगे बढ़ना है.
स्कूल के हिंदी के अध्यापक विजय मानते है " राजधानी के स्कूलों में अंग्रेज़ी पर जोर दिया जाता है, जिसका नतीजा ये है कि अब छात्र हिंदी में बात करने से कतराते हैं. ऐसे में इस तरह की प्रतियोगिता जरूरी हो जाती है जिससे छात्रों को अपनी भाषा मे अपने विचार रखने का मौका मिले".
प्रतियोगिता के विषय
- हिंदी देश की प्रगति में बाधा है.
- आज चिकित्सा धन कमाने का सबसे अच्छा माध्यम है.
-विश्व शांति के लिए तीसरे विश्व युद्ध का समय आ गया है.
- विदेशी शिक्षा भारतीय शिक्षा से बेहतर है.
इस प्रतियोगिता के जज दिल्ली विश्वविद्यालय के डिबेट सोसाइटी के सदस्य हैं. इस प्रतियोगिता के माध्यम से अंग्रेज़ी प्रधान स्कूलों के छात्रों में हिंदी भाषा के बढ़ते इस्तेमाल से सभी खुश हैं और वसंत वैली स्कूल की इस पहल को आज के परिपेक्ष्य में जरूरी मानते हैं. इस प्रतियोगिता के विषय सामाजिक कुरीतियों और राजनैतिक हालातों को ध्यान में रखकर चुने गए हैं, जिससे छात्रों को हिंदी भाषा के महत्व के साथ साथ देश की मौजूदा परिस्थितियों से भी अवगत कराया जा सके.
प्रतियोगिता के पहले चरण में 16 स्कूलों के 48 छात्र हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें से 8 स्कूलों के 24 छात्र अंतिम चरण के लिए चुने जाएंगे. वसंत वैली के छात्र पहले ही एक वाद-विवाद प्रतियोगोता अपने नाम कर चुके हैं और इस प्रतियोगिता में भी दूसरे स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. आज के दौर में जहां अंग्रेज़ी भाषा को हिंदी से ज्यादा महत्व दिया जाता है, वहां वसंत वैली स्कूल की ये अनोखी पहल सराहनीय है.