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देश में जातिवादी राजनीति के लिए नेता नहीं, जनता दोषी: गडकरी

नितिन गडकरी ने कहा है कि ज्यादातर लोग जात-पात के आधार पर वोट नहीं देते हैं.  लेकिन जातिवादी राजनीति के लिए नेता नहीं, जनता दोषी है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फोटो-twitter) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फोटो-twitter)
वरुण प्रताप सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

18 साल से लगातार भारत के नंबर वन न्यूज चैनल 'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के सातवें संस्करण के दूसरे दिन का आगाज हो चुका है. मंगलवार को दिन के पहले सत्र '2019 का रोडमैप' में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिरकत की और उन्होंने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. इस सत्र का संचालन रोहित सरदाना ने किया.

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नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ज्यादातर लोग जात-पात के आधार पर वोट नहीं देते हैं. जो लोकतंत्र को स्वस्थ बनाना चाहते हैं, उन्हें जाति के आधार पर वोट नहीं मांगना चाहिए. लेकिन जातिवादी राजनीति के लिए नेता नहीं, जनता दोषी है. हालांकि, सोशल मीडिया के जरिए जागरूकता बढ़ी है.

उन्होंने कहा कि देश का नया वोटर जात-पात, धर्म के नाम पर नहीं बल्कि विकास के नाम पर वोट करता है. लेकिन लोकतंत्र का दुर्भाग्य है कि सरकार का मूल्यांकन नहीं किया जाता है. दुर्भाग्य से कुछ प्रतिशत लोग इस तरह सोचते हैं कि कौन सी जाति या धर्म का कौन सा मंत्री हो.

मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा?

एक सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि अयोध्या का मुद्दा सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है. लोगों की भावना है कि वहां राम मंदिर बने. उसके तीन रास्ते हैं- कोर्ट, संसद और आपसी सहमति. आपसी सहमति से अच्छा रास्ता निकल सकता है.

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उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग भी इस मुद्दे को सुलझाना चाहते हैं. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. मामला राजनीति के स्तर पर सुलझाया नहीं गया तभी तो अदालत में गया. लेकिन आपसी सहमति से इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है.

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