
टीम इंडिया का अगला कोच कौन होगा. इस पर संस्पेंस बना हुआ है. आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक बीसीसीआई की सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली क्रिकेट एडवायजरी कमिटी (सीएसी) के बीच कोच के नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. किसी ने रवि शास्त्री का नाम सुझाया, तो किसी ने वीरेंद्र सहवाग का तो कोई टॉम मूडी के पक्ष में था. कमेटी ने फैसला लिया है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली के अमेरिका से भारत लौटने के बाद उनसे बात करके कोच के नाम का ऐलान होगा.
हालांकि पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और बयान करती है. कोच पद के मुख्य दावेदारों में रवि शास्त्री, वीरेंद्र सहवाग और टॉम मूडी हैं. इनमें से टॉम मूडी एक तरीके से दौड़ से बाहर हैं. मामला रवि शास्त्री और वीरेंद्र सहवाग के बीच है, लेकिन किसी एक नाम पर कमेटी एकमत नहीं हो पा रही है.
शास्त्री पर भारी पड़ सकते हैं सहवाग
पहले भी खबरें आ चुकी हैं कि कप्तान विराट कोहली रवि शास्त्री को कोच के रूप में चाहते हैं, जबकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सौरभ गांगुली ने कहा कि उन्हें कोच के नाम के ऐलान से पहले कुछ और वक्त चाहिए ताकि विराट से बात की जा सके. अब ऐसे में साफ दिख रहा है कि वीरेंद्र सहवाग का दावा कमजोर नहीं है. लेकिन क्रिकेट एडवायजरी आगे किसी तरह का विवाद नहीं चाहती है. इसलिए वह विराट कोहली के साथ बात करना चाहती है.
कमेटी इस बार कोच का चुनाव 2019 में होने वाले वर्ल्ड कप तक के लिए करना चाहती है. ऐसे में उसकी कोशिश ये है कि 2019 से पहले कोई विवाद नहीं हो जैसाकि अनिल कुंबले के साथ हुआ.
प्रजेंटेशन बढ़िया, लेकिन नया कुछ भी नहीं
सोमवार को क्रिकेट एडवायजरी कमिटी के साथ अमिताभ चौधरी और बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी भी कोच पद के उम्मीदवारों के इंटरव्यू के दौरान बैठे थे. इस दौरान पांच उम्मीदवारों का इंटरव्यू हुआ. सचिन तेंदुलकर लंदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे, तो सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण मुंबई में थे. पांच उम्मीदवारों रवि शास्त्री, रिचर्ड पाइबस, टॉम मूडी, वीरेंद्र सहवाग और फिल सिमंस इंटरव्यू के लिए पहुंचे.
इंटरव्यू के बाद सीएसी कमेटी और पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा कि सभी उम्मीदवारों का प्रजेंटेशन बढ़िया रहा, लेकिन कुछ भी नया नहीं था. गौरतलब है कि इन पांच नामों में से रवि शास्त्री और टॉम मूडी एक साल पहले भी टीम इंडिया के पूर्व कोच अनिल कुंबले के साथ इंटरव्यू दे चुके हैं. उस समय क्रिकेट एडवायजरी कमिटी ने रवि शास्त्री और टॉम मूडी को खारिज कर अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच चुना था.
दिलचस्प बात ये है कि कमेटी विराट कोहली से बात करने की बात कह रही है, जबकि चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान कमेटी लंदन जाकर कोच को लेकर विराट कोहली से कई दिनों तक बात कर चुकी है. बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी स्वयं वेस्टइंडीज गए थे. क्या वहां विराट कोहली से उनकी बात नहीं हुई होगी. ये संभव नहीं लगता है कि विराट कोहली से बात करने के लिए कुछ दिनों तक इंतजार करना पड़े.
मोटिवेशनल मेंटर हैं रवि शास्त्री
दूसरी ओर क्रिकेट एडवायजरी कमेटी का मानना है कि रवि शास्त्री सिर्फ एक मोटिवेशनल मेंटर हैं. जो खिलाड़ियों को सिर्फ मोटिवेशनल भाषण दे सकते हैं. कमेटी यह भी मानती है कि उनके टीम डायरेक्टर रहते हुए खिलाड़ियों के खेल में कोई प्रोग्रेस नहीं हुआ है.
यस मैन नहीं होंगे सहवाग और मूडी
वहीं सहवाग के बारे में कमिटी का मानना है कि सहवाग के काम करने का अपना तरीका है और उनकी अपनी राय होती है. वो इससे पीछे नहीं हटेंगे. इसके साथ कमेटी यह भी मानती है कि टॉम मूडी भी यस मैन नहीं होंगे, जो कप्तान की बातों में हां में हां मिलाता रहे.
कमेटी बात करने के लिए नहीं, समझाने के लिए कर रही इंतजार
इन परिस्थितियों में ऐसा लगता है कि सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और लक्ष्मण वाली कमेटी विराट की राय लेने के लिए उनका इंतजार नहीं कर रही है. बल्कि उन्हें यह बताने के लिए इंतजार कर रही है कि अगर वे अपना खेल ऊंचा उठाना चाहते हैं तो टीम के कोच ही उनके साथ क्रिकेट को चलाएंगे. इससे साफ हो जाता है कि कमेटी और विराट की राय में विरोधाभास है.
तो फिर संजय बांगड़ हो सकते हैं कोच
गौर करने वाली बात ये है कि अनिल कुंबले को इसी कमेटी ने चुना था और कुंबले-विराट के विवाद के बीच यही कमिटी बीसीसीआई और कप्तान को समझाती रही. मामला नहीं सुलझा और अनिल कुंबले ने इस्तीफा दे दिया. इसी को ध्यान में रखते हुए कमेटी विराट का इंतजार कर रही है. और अगर कोहली सहमत नहीं होते है तो कमेटी यह भी कह सकती है कि आपको यस मैन कोच चाहिए तो फिर संजय बांगड़ के साथ ही आगे बढ़िए.