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आज शाम 6 बजे सबसे बड़ा ओपिनियन पोल: कर्नाटक का किंग कौन?

आगामी चुनावों से पहले 'कर्नाटक का किंग कौन?' जानने के लिए देश का सबसे बड़ा न्यूज चैनल आजतक लेकर आ रहा है सबसे बड़ा ओपिनियन पोल. किसकी बनेगी सरकार और कौन बैठेगा विपक्ष में जानिए इस सबसे बड़े ओपिनियन पोल 'कर्नाटक का किंग कौन?' आज शाम 6 बजे.

कर्नाटक का किंग कौन? कर्नाटक का किंग कौन?
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्ष की भूमिका में बैठी कांग्रेस हाल में हुए विधानसभा चुनावों, उपचुनावों और राज्यसभा चुनावों के नतीजों का हवाला देते हुए दावा कर रही है कि 12 मई को कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों में उसका पलड़ा भारी है. वहीं कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में है और बीजेपी प्रमुख विपक्ष की भूमिका में है. आगामी चुनावों से पहले 'कर्नाटक का किंग कौन?' जानने के लिए देश का सबसे बड़ा न्यूज चैनल 'आजतक' लेकर आ रहा है सबसे बड़ा ओपिनियन पोल. किसकी बनेगी सरकार और कौन बैठेगा विपक्ष में. जानिए इस सबसे बड़े ओपिनियन पोल 'कर्नाटक का किंग कौन?' में. आज शाम 6 बजे.

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225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 224 सीटों पर एक ही चरण में मतदान 12 मई को होगा. 15 मई को वोटों की गिनती की जाएगी. चुनाव आयोग के मुताबिक 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे. इसके बाद 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. वहीं 27 अप्रैल तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे.

चुनाव आयोग के मुताबिक कर्नाटक में 4 करोड़ 96 लाख वोटर हैं. 97 फीसदी मतदाताओं के फोटो पहचान पत्र जारी कर दिए गए हैं. इस बार कर्नाटक में 56 हजार पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. 28 मई से पहले चुनाव की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी.

इसे पढ़ें: ‘कर्नाटक विकास मॉडल’ को आगे कर 2019 लोकसभा चुनाव में उतरेगी कांग्रेस!

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस अपना किला बचाने में जुटी है तो वहीं बी. एस. येदियुरप्पा को सीएम का चेहरा बनाकर बीजेपी भी मैदान में डट गई है. जेडीएस बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरने जा रही है.

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बता दें कि 2013 के विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 224 सीटों में से कांग्रेस ने 122 जीती थी. जबकि बीजेपी 40 और जेडीएस 40 सीटों पर कब्जा किया था. बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले बीएस येदियुरप्पा की केजेपी महज 6 सीटें जीत सकी थी. इसके अलावा अन्य को 16 सीटें मिली थी. हालांकि बाद में येदियुरप्पा दोबारा से बीजेपी के साथ आ गए.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 के मुताबिक 2013 में बीजेपी को 70 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. जबकि राज्य की सभी पार्टियों को फायदा मिला था. सबसे ज़्यादा लाभ कांग्रेस को 42 सीटों का, जेडीएस को 12 और अन्य उम्मीदवारों को 10 सीटों पर लाभ हासिल हुआ था.

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