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MCD चुनाव: हर रोज डेढ़ लाख लोगों तक पहुंच रही है AAP

पहली बार निगम चुनाव लड़ रही और दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी के खेमे के सूत्रों की मानें तो पार्टी रणनीति के तहत हर रोज डेढ़ लाख लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
आशुतोष मिश्रा/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 6:43 PM IST

दिल्ली के नगर निगम चुनाव की तारीख नजदीक आते ही राजधानी की तीनों बड़ी पार्टियों ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. 22 अप्रैल को होने वाले निगम चुनाव के लिए बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सहित तमाम छोटी पार्टियां भी जोर-शोर से प्रचार में जुट गई हैं.

पहली बार निगम चुनाव लड़ रही और दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी के खेमे के सूत्रों की मानें तो पार्टी रणनीति के तहत हर रोज डेढ़ लाख लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. आम आदमी पार्टी अब तक लगभग सारी ही सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. ऐसे में हर वार्ड में पार्टी के उम्मीदवार और कार्यकर्ता प्रोजेक्टर शो के जरिए वार्ड के कोने-कोने में जन संवाद कर रहे हैं.

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दिखाया जा रहा केजरीवाल का संदेश
इन प्रोजेक्टर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल का संदेश दिखाया जा रहा है. इस वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री केजरीवाल जनता को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बीजेपी शासित एमसीडी और उसके पार्षदों पर सवाल उठाकर इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को वोट देने की अपील कर रहे हैं.

हर वार्ड में AAP के रोज छह शो
आम आदमी पार्टी हर वार्ड में दो प्रोजेक्टर के जरिए रोजाना तीन शो कर रही है. इस तरह हर वार्ड में रोज छह शो के जरिए पार्टी रोजाना डेढ़ लाख लोगों तक पहुंचने का दावा कर रही है. प्रोजेक्टर शो का इस्तेमाल ज्यादातर मार्केट, नुक्कड़, अनियमित कॉलोनी और व्यस्त इलाकों में किया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके.

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मनीष सिसोदिया की पदयात्रा
AAP की कोशिश है कि हर शो के जरिए लगभग 100 लोगों तक केजरीवाल का संदेश पहुंचाया जा सके. वहीं पार्टी के तमाम मंत्री और विधायक डोर टू डोर प्रचार के लिए भी मैदान में उतर चुके हैं. खुद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कई इलाकों में पदयात्राएं कर रहे हैं. पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनावों में करारी हार झेलने के बाद दिल्ली के निगम चुनाव में AAP और केजरीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर है. जाहिर है जब लड़ाई प्रतिष्ठा की हो, तो चुनाव प्रचार भी युद्ध स्तर तक पहुंच जाता है.

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