
नई दिल्ली. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच खींचतान का नया अध्याय खुल गया है. इस बार मुद्दा राजधानी में सीसीटीवी लगाने का है. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ पूरी सरकार उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर धरने पर बैठ गई.
आप की मांग है कि टेंडर की प्रक्रिया हो जाने के बाद एलजी ने अड़ंगा डालने के लिए एक कमेटी बना दी जबकि पहले भी राजधानी में कैमरे लगे पर कभी कमेटी नहीं बनी. आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि पार्टी कमेटी का गठन रद्द करने की मांग पर हर्गिज नहीं झुकेगी.
इस विवाद की जड़ में भी राजनीति दिखाई पड़ती है क्योंकि महिला सुरक्षा दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है इसलिए वो भी किसी कीमत पर पीछे नहीं हट रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त आम आदमी पार्टी ने राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था.
इसका टेंडर पार्टी ने निकाला और आखिरकार कैमरे लगाने का ठेका सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को दिया गया. कंपनी काम शुरू करती इससे पहले ही 8 मई को एलजी ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, लोगों की प्राइवेसी, सुरक्षा फीड शेयरिंग जैसे मसलों पर विचार के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया.
आम आदमी पार्टी ने इस कदम को अड़ंगा डालने वाला बताया. सौरभ भारद्वाज के मुताबिक, "इससे पहले भी दिल्ली में हजारों कैमरे लगे लेकिन एलजी ने कभी जांच का आदेश नहीं दिया."
आप सरकार ने इस बार 1.40 लाख कैमरे लगाने का ठेका दिया है. कांग्रेस इसमें भ्रष्टाचार की बात कह रही है. लेकिन आप ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि बीईएल सरकारी कंपनी है और वो केंद्र की भाजपा सरकार के अधीन है, ऐसे में उससे दिल्ली सरकार को कैसे फायदा होता है. आप का आरोप है कि भाजपा के इशारे पर एलजी काम कर रहे हैं. भाजपा नहीं चाहती कि कैमरे लगाने का काम वक्त पर पूरा हो.
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