
मोदी सरकार नोटबंदी के बाद आम जनता को कैशलेस होने की अपील तो कर रही है लेकिन राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को कैशलेस करने
के फैसला लेने से आंखें चुराती नज़र आ रही है, फिलहाल इसी बात का फायदा विरोधी पार्टियां उठा रहीं हैं. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस को
स्वाइप मशीन और Paytm से चंदा लेने की चुनौती दी है, एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान आशीष खेतान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ रहे हैं कि एक
तरफ केंद्र सरकार पूरे देश को कैशलेस करना चाहती है, तो वे अपनी भाजपा को कैशलेस क्यों नहीं कर देते?
खेतान का आरोप है कि 2004-05 के बीच कई राज्यों में भाजपा की सरकारें रहीं, इस दौरान चंदे में काफी धांधली हुई. खेतान बोले कि खनन घोटालों में काफी लूट मची है सब की जांच होनी चाहिए, 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी जी के प्रचार में सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च हुए.
AAP ने पीएम मोदी को ये 3 सुझाव देते हुए अपील की है कि चुनाव में इस्तेमाल होने वाले कालेधन पर दो दिन के अंदर रोक लग सकती
है-
1. एफसीआरए का नियम बदलने का फैसला वापस लिया जाए.
2. राजनीतिक दल के 20 हजार रुपए चंदा देने पर जानकारी न देने वाले नियम को बदला जाए, सभी दल कैशलेस चंदा लें.
3. सभी राजनीतिक दल और सरकार के विभाग पर आरटीआई लागू हो.
आम आदमी पार्टी ने एफसीआरए के नियम बदले जाने का विरोध किया है, आशीष खेतान का कहना है कि एफसीआरए के तहत राजनीतिक दलों को किसी तरह की विदेशी फंडिंग नहीं हो सकती. कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर इस नियम को बदल दिया और बड़े पैमाने पर विदेशी कंपनी से डोनेशन लिया. बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने इसके लिए दोनों दलों को फटकार भी लगाई, चंदे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल आपस में मिल गई और दिल्ली हाईकोर्ट से पेटिशन वापस ले ली.