
आम आदमी पार्टी के यूथ मेनिफेस्टो और आशीष खेतान द्वारा धर्म गंथ्रों के साथ इसकी तुलना को लेकर विवाद जारी है. इसके बाद पार्टी के सीनियर नेता पंजाबी कल्चर सीख रहे हैं.
पार्टी के सिख लीडर ये मान रहे हैं कि अगर जारी करने से पहले इस यूथ मेनिफेस्टो के कवर पेज को उन्हें दिखा कर राय ले ली जाती तो शायद इतनी फजीहत न होती. न ही पार्टी को इस तरह से पब्लिकली माफी मांगनी पड़ती.
कैमरे के सामने तो आप के सिख नेता इस मसले पर अपनी पार्टी का बचाव करने में लग जाते हैं. वे लोग मेनिफेस्टो को लेकर अपने ही पार्टी के सीनियर लीडरों के बारे में कुछ भी कहने से बचते हैं.
'बोलदां पंजाब' से दूर किए गए खेतान और संधू
पार्टी ने यूथ मेनिफेस्टो को तैयार करने वाले अपने नेताओं आशीष खेतान और कंवर संधू को भी पंजाब में मुख्य मेनिफेस्टो
को तैयार करने के लिए जनता की राय लेने के लिए हो रहे कैंपेन 'बोलदां पंजाब' से भी दूर कर दिया है. दोनों ही नेता
पहले इस कैंपेन का अहम हिस्सा हुआ करते थे.
केजरीवाल और खेतान ने मांगी कई बार माफी
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 18 जुलाई को जब अमृतसर में दरबार साहिब में माफी मांगने आएंगे तो उनके साथ आशीष खेतान होंगे या नहीं इस पर भी सस्पेंस बरकरार है. पार्टी के पंजाब संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर ने कहा कि पार्टी कई बार स्ट्रैटजी के तहत किसी नेता को आगे कर देती है, कभी किसी को पीछे बुला लिया जाता है. ये पार्टी का अपना फैसला होता है. खेतान पहले से ही कई बार माफी मांग चुके हैं.
पार्टी के एक और स्थानीय नेता हिम्मत सिंह शेरगिल ने कहा कि खेतान पहले से ही कई बार पंजाब की जनता से ऐसे हाथ जोड़कर माफी मांग चुके हैं. अब इस बात को यहीं खत्म कर देना चाहिए.
बोलने से पहले लेंगे पंजाब के नेताओं की राय
खबर यह भी है कि दिल्ली से पंजाब आने से पहले और मीडिया या पब्लिक में कुछ भी बोलने से पहले पार्टी के पंजाब से बाहर के नेता और खुद केजरीवाल भी पंजाब और सिख धर्म की स्टडी करने में लगे हैं. इसके लिए पार्टी के सिख नेताओं से भी पंथ और पंजाब के इतिहास के बारे में दिल्ली में बैठे नेता राय ले रहे हैं. ये भी मुमकिन है कि कुछ भी बोलने से पहले सिख नेताओं से मशविरा किया जाए.
पंजाब के बारे में जानने में कोई बुराई नहीं
सुच्चा सिंह ने इस बारे में कहा कि किसी भी राज्य में जाने से पहले वहां के बारे में स्टडी करना अच्छी बात है. केजरीवाल तो पहले से ही पंजाबी सीख रहे हैं. वह पंजाब के बारे में अधिक जानकारी जुटा रहे हैं. वहीं शेरगिल ने कहा कि सीनियर लीडरशिप पंजाब के बारे में स्टडी भी कर रही है और हमसे भी जानकारी लेती रहती है. इसमें कुछ गलत नहीं है.
विपक्षी दल ले रहे हैं केजरीवाल की चुटकी
वहीं विपक्ष में बैठी पार्टियां आप मेनिफेस्टो पर जारी अंदरुनी विवाद और लीडरशिप के पंजाब के बारे में स्टडी करने और स्थानीय नेताओं से राय लेने के बाद ही कुछ बोलने की बातें सामने आने के बाद चुटकी ले रही हैं.
कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत चन्नी ने इस मसले पर कहा कि आम आदमी पार्टी को पंजाब के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. उसके नेता पंजाब के बारे में कितनी ही स्टडी कर लें आने वाला चुनाव किसी हाल में नहीं जीतने वाले.
AAP के गले की फांस बना मेनिफेस्टो विवाद
कुल मिलाकर ये मेनिफेस्टो विवाद पंजाब में आम आदमी पार्टी के लिए गले की फांस बन चुका है. पार्टी लाख कोशिश कर रही
है कि पंजाब की जनता से माफी मांग कर कवर पेज पर छपे फोटो और आशीष खेतान के बयान के विवाद को खत्म किया
जाए, लेकिन लगता नहीं है कि आने वाले दिनों में ये बवाल जल्दी शांत हो पाएगा.