
देश के तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत हुई है और बीजेपी की हार. इन राज्यों में आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही थी जहां उसे काफी बुरी हार का सामना करना पड़ा है. अधिकतर कैंडिडेट अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. अगर वोट प्रतिशत देखें तो नोटा से भी आधे मत पार्टीको मिले हैं. इसके बावजूद पार्टी में खुशी की लहर है क्योंकि पार्टी मानती है कि वहां उसका संगठन मजबूत हुआ है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अपने घर पर पार्टी के सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई. इस बैठक में शामिल हुए विधायकों और पार्षदों के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा रही थी. पार्टी के बुरे प्रदर्शन के बावजूद दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने कहाकि आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि संगठन को मजबूत करने के लिए लड़ा था और उसमें पार्टी कामयाब हुई. गोपाल राय ने कहा कि इस चुनाव के नतीजे से साफ होता है कि बीजेपी को हराने वाली पार्टी को जनता वोट देती है, इसलिए दिल्ली में हम सातों सीटों पर बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे.
चुनावी आंकड़ा देखें तो तीनों राज्यों में आम आदमी पार्टी की बेहद बुरी हार हुई है. पार्टी के अधिकतर कैंडिडेट अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए हैं. मध्य प्रदेश के आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल अपनी जमानत तक गंवा बैठे. देर शाम तक इलेक्शन कमिशन की वेबसाइटपर आए नतीजों में आम आदमी पार्टी को 1 प्रतिशत तक भी वोट शेयर नहीं मिल पाया. AAP को राजस्थान में 0.4%, मध्यप्रदेश में 0.7% और छत्तीसगढ़ में 0.9% वोट मिला है यानी नोटा से भी आधा.