
16 जनवरी को 5 राज्य सभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. लेकिन सबकी नजरें लगी हुई हैं राजधानी दिल्ली पर जहां सत्ता में काबिज अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को राज्यसभा में 3 सांसद मिलेंगे. दिल्ली का राज्य सभा का दंगल दिलचस्प होने वाला है. अभी तक आम आदमी पार्टी ने किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी के नेताओं की महत्वकांक्षा सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर नजर आने लगी है.
महत्वकांक्षाओं के इस जंग की एक तस्वीर गुरुवार को देखने को मिली जब पार्टी के तीसरे कद्दावर नेता और कवि कुमार विश्वास के समर्थक बोरा बिस्तरा और टेंट लेकर आम आदमी पार्टी के दफ्तर में ही डेरा डालने पहुंच गए. हाथों में तख्तियां लिए विश्वास समर्थक पार्टी आलाकमान से कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजने की मांग कर रहे थे.
विश्वास ही नहीं आम आदमी पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो दिल्ली की इन तीन राज्यसभा सीटों पर नजरें गड़ाए केजरीवाल के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. एक तरफ पार्टी के नेता अपने मन की मुराद पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं पार्टी दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी के बाहर जाने माने चेहरों पर चर्चा कर रही है.
आम आदमी पार्टी में मौजूद सूत्रों ने आज तक को पहले ही बताया था कि पार्टी दिल्ली की इन तीन राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी से बाहर के चेहरों पर विचार कर रही है. नेताओं के बीच टकराव न हो इस लिए केजरीवाल देश के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले दिग्गज नेताओं को राज्यसभा भेजना चाहते हैं. इससे एक तरफ पार्टी के अंदर लड़ाई झगड़े से बचा जा सकता है. वहीं, दूसरी ओर विशेषज्ञों को राज्यसभा में भेजकर आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर अपनी गंभीरता और सक्रियता का प्रदर्शन करना चाहती थी.
पार्टी चाहती है कि राज्यसभा में उनकी सीटों पर वो चेहरे जाएं जो मोदी सरकार को हर मोर्चे पर न सिर्फ घेर सकें बल्कि सदन में सरकार से सवाल जवाब कर सकें. केजरीवाल राज्य सभा में दिल्ली को पूर्ण राज्य और संवैधानिक अधिकारों का मुद्दा भी हावी रखना चाहते हैं. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के आला नेताओं के बीच फिलहाल मंथन अभी भी इसी बात पर जारी है कि संसद के ऊपरी सदन में पार्टी के अंदर के नेताओं को भेजा जाए या बाहर से किसी को.
आम आदमी पार्टी राज्यसभा के लिए अब तक जिन नामों पर चर्चा कर चुकी है उसमें सबसे पहला नाम पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का था, जिसे रघुराम राजन ने ठुकरा दिया. राजन के बाद पार्टी ने जिन नामों पर विचार करना शुरू किया और जिस पर मंथन अभी भी जारी है उनमें पहला नाम है सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वकील और संवैधानिक मामलों के जानकार गोपाल सुब्रमण्यम का. गोपाल सुब्रमण्यम दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मुद्दे पर लगातार केजरीवाल सरकार को कानूनी सलाह देते रहे हैं. साथ ही अदालत में दिल्ली सरकार की ओर से पैरवी भी करते रहे हैं.
राज्यसभा की सीटों के लिए चर्चा में आने वाला दूसरा नाम आपको बेहद चौंकाएगा. केजरीवाल एंड कंपनी बीजेपी के बागी नेता, पूर्व सांसद और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम पर चर्चा कर रही है. आप में चर्चा के लिए आया तीसरा बड़ा नाम है मशहूर पत्रकार और लेखक अरुण शौरी का जो मोदी सरकार के बड़े आलोचक माने जाते हैं. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी में राज्यसभा की सीटों के लिए बतौर उम्मीदवार मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज के नाम पर भी चर्चा हो रही है. राहुल बजाज अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के समर्थक रहे हैं.
5 जनवरी को राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के नामांकन का आखिरी दिन है, लेकिन आम आदमी पार्टी अब तक किसी भी नाम पर फैसला नहीं कर पाई है. सूत्रों की खबर यह भी है कि पार्टी में अलग-अलग नामों को लेकर अलग-अलग नेताओं के बीच रायशुमारी में भी मतभेद है.
पार्टी में एक दूसरी स्थिति है कि अगर अपने ही नेताओं को राज्यसभा भेजना हुआ तो वह चेहरे कौन हो सकते हैं. दावों के विपरीत आम आदमी पार्टी की नेता और पूर्व बैंकर मीरा सान्याल इन चेहरों में सबसे आगे हैं. वहीं बाकी की 2 सीटों के लिए संजय सिंह और आशुतोष सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर और सड़क पर हो रहे संग्राम के विपरीत पार्टी के नेताओं में कुमार विश्वास के नाम पर फिलहाल कोई चर्चा होती दिखाई नहीं पड़ रही है. विश्वास समर्थकों के दावे और उम्मीद तो हैं लेकिन पार्टी ने अब तक उनके नाम पर चर्चा नहीं की है.
पार्टी सूत्रों का मानना है कि विश्वास और केजरीवाल के बीच बढ़ी दूरियां और कुमार को लेकर पार्टी में बढ़ रहा अविश्वास उनके राज्य सभा जाने के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा है. सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च इकाई पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी कि पीएसी सोमवार या मंगलवार को बैठक करेगी और जिसमें औपचारिक तरीके से राज्यसभा की 3 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगा दी जाएगी.