
पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक और नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा के खालिस्तान के समर्थन में दिए गए बयान पर विवाद अब बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने इस मामले में बुधवार को खैरा से मुलाकात की.
बताया जा रहा है कि सिसोदिया ने खैरा को उनके बयान पर जमकर लताड़ लगाई है. सुखपाल खैरा आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात करने गए थे, लेकिन केजरीवाल उनसे नहीं मिले.
सिसोदिया ने खैरा से कहा है कि पंजाब प्रदेश अध्यक्ष को लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा है. इसके अलावा ये भी पूछा गया है कि अगर उन्होंने ये बयान नहीं दिया तो कैसे ये गलत तरीके से पेश हुआ. मनीष सिसोदिया की ओर से साफ कहा गया है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में रेफरेंडम जैसी किसी भी विचारधारा के खिलाफ है.
केंद्रीय मंत्री ने भी किया था हमला
इससे पहले केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने भी खैरा पर निशाना साधा था. हरसिमरत ने कहा कि खैरा के देश तोड़ने वाले बयान पर अरविंद केजरीवाल अपना रुख साफ करें. इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी को विदेशों से मिलने वाली फंडिंग की भी जांच कराने की मांग की है.
आपको बता दें कि सुखपाल खैरा ने ट्वीट किया था कि मैं साल 2020 में होने वाले जनमत संग्रह का मतदाता नहीं हूं लेकिन मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि बंटवारे के बाद सिखों के साथ भेदभाव, उत्पीड़न, दरबार साहिब पर हमले और साल 1984 में हुए हत्याकांड की वजह से यह सब कुछ हुआ है.
अमरिंदर ने भी किया था हमला
इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि जनमत संग्रह विदेशों के लोगों की धारणा है. ये हर कोई जानता है कि पंजाब में कोई जनमत संग्रह नहीं होने जा रहा है, हम पंजाब में शांति चाहते हैं. शांति का मतलब स्थायित्व, शांति का मतलब सब कुछ सामान्य ढंग से चलना चाहिए.