
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों और दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के बीच मारपीट और विवाद को लेकर पार्टी की ओर से इस मामले पर पक्ष रखा गया है. इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई और पार्टी के नेता संजय सिंह और आशुतोष ने कहा है कि उनकी पार्टी के दलित और मुस्लिम विधायकों को निशाना बनाया जा रहा है.
वहीं, इस मामले में आरोपी विधायक अमानतुल्ला खान को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश किया जाएगा.
संजय ने कहा, 'दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि हमने राजनीति में आकर कोई गलती की है. सीएम और डिप्टी सीएम के घर पर छापे पड़ रहे हैं. हमारे 15 विधायकों को गिरफ्तार किया गया.'
उन्होंने सवाल उठाया, 'जो मुख्य सचिव कह देते हैं, क्या वह गीता का श्लोक बन जाता है? बिना किसी सबूत के उन्होंने जो भी कहा, क्या वह सही है? बातचीत राशन पर थी, जो बहस में बदल गई, यह मैं स्वीकार करता हूं. बहस गहमा-गहमी में बदल गई, मारपीट हो गई और चश्मा गिर गया. यह गलत है. रात में घटना हुई, पर उन्होंने सुबह तक कुछ नहीं किया. पुलिस नहीं बुलाई, मेडिकल नहीं कराया. साजिश के तहत अगली सुबह भीड़ को सचिवालय में बुलाया गया. इतनी हिम्मत कि मंत्री और उनके सहयोगी पर हमला किया गया. क्या वे इस पर पर्दा डालना चाहते हैं? जिसके सबूत मौजूद हैं. क्या ये मामला गंभीर नहीं है कि मंत्रियों पर हमले हुए? क्या केंद्र सरकार दिल्ली में अराजकता फैलाना चाहती है?' '
पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा, 'केंद्र सरकार दिल्ली की सरकार से फूटी आंख नहीं देखना चाहती. पहले दिन से आप सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. राजेंद्र कुमार को फंसाया गया लेकिन क्या निकला उसमें? इनका मकसद है इस सरकार को ना चलने देना. जो सचिवालय में हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं आईएएस एसोसिएशन से विनती करता हूं कि यूपी चंडीगढ और दूसरे राज्यों में जब अधिकारियों के साथ बुरा सलूक हो तो वहां भी आवाज उठाएं.'
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के मेडिकल की रिपोर्ट कई बार बनवाई गई. संजय सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव झूठ बोल रहे हैं, उनके साथ मारपीट नहीं हुई है. बातचीत हुई, बहस हुई और गहमा गहमी हुई, लेकिन मारपीट नहीं. उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल ने मामले को शांत करने की कोशिश की, विधायक नितिन त्यागी को भेजा, लेकिन वह रुके नहीं, चले गए. वहीं, आशुतोष ने सवाल किया कि अंशु प्रकाश और प्रकाश जारवाल के बीच फर्क क्यों किया जा रहा?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पार्टी नेता आशुतोष ने कहा, 'कल पूरा सचिवालय युद्ध क्षेत्र बना था. वहां भड़काऊ भाषण हुआ. सुनियोजित तरीके से आप के नेताओं पर हमला हुआ. सचिवालय में कल का फुटेज निकाला जाए और पहचाना जाए कि कल हिंसा में कौन शामिल था.'
उन्होंने कहा, 'मुख्य सचिव ने सिर्फ बयान दिया है. मंत्री के साथ मारपीट का सबूत है. पुलिस ने सबूतों की अनदेखी करके सिर्फ बयान पर एक दलित विधायक और अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया गया.'
उन्होंने सवाल किया कि सबूत के बाद हमलावरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? आशुतोष का कहना था, 'ढाई लाख लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है. इनके परिवार में किसी को कुछ हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा? मंत्री इमरान हुसैन ने ई-मशीन के राशन वितरण में खामियों के चलते उसे रोकने के आदेश दिए थे लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं मानी.' उन्होंने कहा, हमारे मंत्री आधी रात तक काम करें, लेकिन लाट साहब अधिकारी नहीं कर सकते?
आपको बता दें कि इस मामले में पार्टी के विधायक अमानतुल्ला को गिरफ्तार किया जा चुका है. देर रात प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन को हिरासत में लिया था. तीन घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. मुख्य सचिव की शिकायत में भी वीके जैन का नाम शामिल था.
दिल्ली पुलिस ने जिन विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. उसमें अमानतुल्ला का भी नाम शामिल है. मंगलवार को हुए इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी, एक IAS की शिकायत पर आप विधायकों के खिलाफ और दूसरी मंत्री इमरान हुसैन की शिकायत पर सचिवालय में मारपीट करने वालों के खिलाफ.