
दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार ने सोमवार 10 दिसंबर को 'ऑपरेशन मिनिमम वेज' की शुरुआत कर दी है. 10 दिन तक चलने वाले ऑपरेशन के पहले दिन श्रम मंत्री गोपाल राय ने मंगोलपुरी विधानसभा क्षेत्र में दिल्ली सरकार के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में छापेमारी की.
जांच के दौरान पता चला कि संजय गांधी अस्पताल में फिलहाल 121 सुरक्षा गार्ड, 76 नर्सिंग स्टाफ, 86 हाउस कीपिंग और 16 कर्मचारी ओपीडी में काम कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के इस अस्पताल में स्टाफ को सैलरी दिए जाने और उनकी भर्ती को लेकर भारी गड़बड़ियां पाई गईं.
मंत्री के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल पहुंचते ही अस्पताल प्रशासन के लोगों को एक कमरे में बुलाया गया. इसके बाद कमरे में अलग-अलग विभाग से शिकायत लेकर लोग आने लगे. डेटा ऑपरेटर का काम कर रहे कृष्णकांत ने बताया कि वह पिछले 6 साल से अस्पताल में काम कर रहे हैं,लेकिन पूरी सैलरी कभी नहीं दी गई. मनमर्जी सैलरी उनके एकाउंट में भेजी जाती है, कभी 13 हजार तो कभी 10 हजार रुपए दिए जाते हैं. बाहरी खर्च भी नहीं दिया जाता, उन्हें ड्रेस और आई कार्ड भी उपलब्ध नहीं है.
पिछले सात साल से डेटा ऑपरेटर का काम कर रहे नीरज शर्मा ने बताया कि 9 हजार की सैलरी के कागज पर साइन कराकर 7 हजार रुपए दिए जाते हैं. नीरज का आरोप है कि अक्सर सैलरी मिलने में 6 महीने का वक्त गुजर जाता है. महीने के 30 दिन काम कराया जाता है, छुट्टी नहीं दी जातीऔर शिकायत करने पर जॉब से हटाने की धमकी दी जाती है.
अर्चना नाम की महिला ने बताया कि वह अस्पताल में सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी करती थी. नई कंपनी को टेंडर मिलने के बाद उसे हटा दिया गया. उसे सैलरी 13 हजार रुपए बताई गई, लेकिन हर महीने 7 हजार से ज्यादा कभी नहीं दिए गए. पीएफ और बोनस भी नहीं दिया गया.
अर्चना समेत सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी से हटाई गई महिलाओं ने आरोप लगाया कि नई कंपनी ने फॉर्म भी भरवाया, लेकिन 6 साल से काम कर रहीं महिला गार्ड को हटाकर नए लोगों की भर्ती करवा दी गई. महिलाओं का आरोप है कि भर्ती के नाम पर सुरक्षा गार्ड की नौकरी देने वाली नईकंपनी ने ड्रेस के लिए 8 हजार रुपए जमा करवा लिए और रसीद भी नहीं दी.
मंत्री का आदेश, तुरंत खत्म किया जाए कंपनी का टेंडर
मंत्री गोपाल राय ने 'आजतक' से बातचीत में बताया कि अस्पताल प्रशासन की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. दो कंपनियों के खिलाफ लंबे समय से सैलरी न देने और 12 हजार की जगह 8 हजार सैलरी देने के साथ डराने-धमकाने की शिकायत भी मिली है.
श्रम मंत्री के मुताबिक, फिलहाल लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारी शुरुआती जांच और शिकायती बयान दर्ज कर रहे हैं. इसके बाद अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी किया जाएगा और अस्पताल के तमाम अधिकारियों को 24 दिसंबर को लेबर कोर्ट में बुलाकर तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कीजाएगी.
साथ ही उन्होंने बताया कि सैलरी न देने वाली एक कंपनी का टेंडर तुरंत प्रभाव से खत्म करने के आदेश दिए जा रहे हैं. साथ ही संबंधित विभाग को डायरेक्ट सैलरी पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.
20 दिसंबर तक चलेगी ये छापेमारीबता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में की गई बढ़ोतरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1 नवंबर 2018 से फिर से लागू कर दिया है. सभी मजदूरों को बढ़ा हुआ वेतन मिले, इसके लिए 10 दिसंबर से ऑपरेशन मिनिमम वेज शुरू किया है.
श्रम मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, श्रम विभाग के सभी 9 जिलों में 5-5 लोगों की 10 स्पेशल टीमें बनाई गईं हैं, जो अलग- अलग इलाकों में जाकर छापेमारी करेंगी. आप सरकार का दावा है कि दिल्ली में करीब 55 लाख लोग मिनिमम वेज पर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं.
20 दिसंबर तक चलने वाली इस छापेमारी में श्रम मंत्री के साथ लेबर कमिश्नर, डिप्टी लेबर कमिश्नर, लेबर इंस्पेक्टरों की टीमें औचक निरीक्षण करेंगी. दिसंबर में जिन मजदूरों को बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी नहीं दी गई है, उनकी शिकायत के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 155214जारी किया है.