
दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच की तनातनी फिर से देखने को मिली है. ताजा मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर हुए मिर्च अटैक से जुड़ा है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के कई विधायकों को लगता है कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस उसके नेताओं से संबंधित मामलों में न्यायपरक और तटस्थ जांच नहीं करती है. इसलिए अब दिल्ली सरकार के 21 विधायकों ने अपने मुखिया को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है.
आम आदमी पार्टी के विधायकों की इस चिट्ठी में मांग की गई है कि दिल्ली सरकार कार्य के दौरान शहीद होने पर जवानों और अधिकारियों के परिवार को जो 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देती है, वो दिल्ली पुलिस को न दिया जाए. इस चिट्ठी पर आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों ने अपने हस्ताक्षर किए हैं.
मंगलवार को अरविंद केजरीवाल पर मिर्च पाउडर हमले के बाद दिल्ली पुलिस ने बयान जारी किया था और कहा था कि 'अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि सीएम पर चिली पाउडर नहीं फेंका गया, बल्कि कोशिश की गई. पाउडर नीचे गिरा है. सीएम ऑफिस की ओर से ही पास बना था. आरोपी सुशील की मां बीमार है, वह सहायता के लिए सीएम से मिला था.' दिल्ली पुलिस की इस टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी के नेता नाराज हो गए और उन्होंने आरोपी को बचाने की दिल्ली पुलिस की साजिश बताई. इसी नाराजगी में पार्टी के 21 विधायकों ने केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर सहायता राशि रोकने की मांग उठाई है.
पत्र में लिखा गया है कि 'पिछले चार सालों में जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनी है, ऐसे बहुत सारे हादसे देखने में आए हैं जो वास्तव में हादसे नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश के तहत किए गए षड्यंत्र साबित हुए हैं. पार्टी के नेताओं समेत आप पर भी कई हमले हुए हैं. कुछ हमलों को अगर नजरअंदाज भी कर दिया जाए तो पिछले चार साल में चार ऐसे बड़े हमले आप पर हुए हैं जो कि नजरअंदाज करने के काबिल नहीं हैं. इसमें पहला हमला सचिवालय के मीडिया सेंटर का है. दूसरा हमला छत्रसाल स्टेडियम में एक प्रोग्राम के दौरान हुआ. तीसरा हमला सिग्नेचर ब्रिज पर बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी और उनके लाए गए गुंडों ने किया गया और चौथा हमला मंगलवार को सचिवालय में आपकी आंखों में मिर्ची पाउडर डालने और आपको शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया गया.'
पत्र में विधायकों ने लिखा, 'इन सभी हमलों में एक बात बराबर देखी जा सकती है कि दिल्ली पुलिस का रवैया उसकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. छत्रसाल स्टेडियम हमला मामले दिल्ली पुलिस ने आज तक चार्जशीट दायर नहीं की. दिल्ली सचिवालय में मंत्री इमरान हुसैन पर हुए हमले में दिल्ली पुलिस ने कोई शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. उसी तरह सिग्नेचर ब्रिज पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और उनके गुंडों के हमले में दिल्ली पुलिस ने हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि उलटा आपके ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर ली गई.'
पत्र में आगे लिखा गया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद एक बड़ा ऐलान किया गया था कि अगर दिल्ली के किसी भी सरकारी कर्मचारी की ऑन ड्यूटी, किसी कारणवश निधन हो जाता है, तो दिल्ली सरकार उस व्यक्ति के परिवार को 1 करोड़ रुपए सम्मान राशि देगी लेकिन दिल्ली पुलिस निष्पक्षता से अपना काम नहीं कर रही है. एक पार्टी विशेष के इशारों पर काम कर रही है इसलिए दिल्ली प्रदेश के सभी विधायकों का मानना है कि एक करोड़ की सम्मान राशि का लाभ दिल्ली पुलिस को न दिया जाए.
सिसोदिया का आरोप
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता के हित में काम करने से रोकने के लिए बीजेपी उनकी हत्या कराना चाहती है. सिसोदिया ने मंगलवार को केजरीवाल पर मिर्च पाउडर फेंककर किए गए हमले का हवाला देते हुए कहा कि हमलावर बीजेपी का कार्यकर्ता है. उन्होंने कहा, 'केजरीवाल को काम करने से रोकने के सभी हथकंडे नाकाम रहने के बाद बीजेपी मुख्यमंत्री की हत्या कराना चाहती है. कल की घटना इसी साज़िश का नतीजा है.'
कांग्रेस की तीखी टिप्पणी
आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की चिट्ठी पर कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा, यह चिट्ठी खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लिखवाई है. आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली में गवर्नेंस का स्तर लगातार गिरा रही है. यह बजट (एक करोड़ की सहायता राशि) कोई इनका व्यक्तिगत बजट नहीं है, यह दिल्ली की जनता का बजट है.
(इनपुट-भाषा)