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दिल्ली सरकार और राजभवन के बीच नई जंग शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी ने शीला दीक्षित के खिलाफ दर्ज की गई FIR में जांच आगे नहीं बढ़ाने का मुद्दा उठाते हुए एलजी के खिलाफ मोर्चा खोला है. इस सिलसिले में आम आदमी पार्टी विधायकों की एक टीम बुधवार की दोपहर उपराज्यपाल नजीब जंग से मिलने पहुंची थी लेकिन LG के वक्त न दिए जाने की वजह से मुलाकात सफल नहीं हो पाई.
आम आदमी पार्टी के विधायकों की नाराजगी शुरू होती है हाल ही में एसीबी की उस FIR से, जिसमे अरविन्द केजरीवाल सरकार का जिक्र है. एंटी करप्शन ब्रांच को मिली शिकायत के मुताबिक टैंकर घोटाले की फाइल केजरीवाल सरकार ने दबाई थी. अब आम आदमी पार्टी का तर्क है कि 49 दिनों की सरकार के दौरान केजरीवाल सरकार ने शीला दीक्षित के खिलाफ एसीबी में मामले दर्ज कराए थे लेकिन उस जांच को दबा के रखा गया. 49 दिनों की सरकार गिरने के बाद दिल्ली में उपराज्यपाल का शासन था और इसी बहाने के साथ आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल नजीब जंग के खिलाफ एक नई जंग छेड़ दी है.
उपराज्यपाल को आरोपी बनाए जाने की शिकायत
बुधवार दोपहर 12 बजे के आसपास आम आदमी पार्टी के विधायक बिना अपोइन्टमेंट के उपराज्यपाल के दफ्तर पहुंचे. लेकिन विधायकों को सिर्फ उपराज्यपाल के सचिव से मुलाकात करके संतुष्ट होना पड़ा. विधायकों ने अपनी जो शिकायत सचिव को सौंपी है उसमें आरोप है कि 49 दिन की सरकार जाने के बाद उपराज्यपाल ने इस मामलों में जांच आगे नहीं बढ़ाई . ऐसे में अब उनके खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए और उन्हें भी आरोपी बनाया जाना चाहिए.
बीजेपी ने विधायकों के तरीके को गैर जिम्मेदार बताया
विपक्ष नेता विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के विधायकों के तरीके को गैर जिम्मेदार और बदले की भावना से प्रेरित बताया है. विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि 'केजरीवाल जी पर भ्रष्टाचार के आरोप से ये लोग घबरा गए हैं. मुख्यमंत्री भाई की तरह बात करते हैं और जांच एजेंसी को डरा रहे हैं.'
सबसे आखिरी में आम आदमी पार्टी के विधायक इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और पिटिशन कमेटी की चेयरमैन राखी बिड़लान से भी मिले. आप विधायकों ने पिटिशन कमिटी को पब्लिक से मिली शिकायत के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को शिकायत दी है. इस शिकायत में कहा गया है कि उपराज्यपाल ने, शीला दीक्षित के खिलाफ 2013 में दिल्ली सरकार द्वारा ACB में दर्ज FIR पर कोई कार्यवाही नहीं की. आपको बता दें कि पिटिशन कमिटी में 9 मेंबर हैं. ये कमिटी जनता से मिली शिकायतों पर कार्यवाही करती है. फिलहाल पिटिशन कमिटी उपराज्यपाल को समन भेजने की तैयारी कर रही है.