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वादे हैं वादों का क्‍या...! दिल्‍ली में ये बातें नहीं हो पाईं पूरी, पंजाब में क्‍या करेंगे AAP

आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता की जमीन तलाश रही है. पंजाब में एक के बाद चुनावी घोषणाओं के ऐलान करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. लेकिन उन वादों का क्या जो आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवालों से किए थे?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता की जमीन तलाश रही है. पंजाब में एक के बाद चुनावी घोषणाओं के ऐलान करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. लेकिन उन वादों का क्या जो आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवालों से किए थे? अरविंद केजरीवाल पंजाब में खूंटा गाड़कर बैठने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली में कई बड़े चुनावी वादों की जमीन खिसकती नजर आ रही है.

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आइए आपको बताते हैं दिल्ली में केजरीवाल सरकार के 10 बड़े वादे...कितने पूरे, कितने अधूरे...

1. फ्री वाई-फाई: पूरी फ्री वाई-फाई इंटरनेट देने का वादा
स्टेटस: सत्ता में आने के 13 महीने बाद जून 2016 में केजरीवाल सरकार ने शहर में फ्री वाई-फाई नेटवर्क का एक प्लान सामने रखा. इस प्लान के तहत पूर्वी दिल्ली में 3 हजार हॉट स्पॉट पॉइंट से फ्री इंटरनेट देने का ब्लू प्रिंट तैयार हुआ. बाकी दिल्ली में फाइबर नेटवर्क को कमी बताई गई. लेकिन दिल्लीवालों के लिए अब तक फ्री वाई-फाई इंटरनेट एक सपना ही बना हुआ है.

2. मोहल्ला क्लीनिक: पूरी दिल्ली में दिसंबर 2016 तक 1 हजार स्थायी मोहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा
स्टेटस: प्राथमिक उपचार, चुनिंदा टेस्ट और फ्री दवाइयों वाला एक केंद्र है मोहल्ला क्लीनिक. अब तक सरकार 3 परमानेंट मोहल्ला क्लीनिक ही खोल पाई है जबकि 100 से ज्यादा क्लीनिक किराए के कमरे से चलाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री केजरीवाल मंच से इसका जमकर प्रचार करते हैं लेकिन दिसंबर 2016 तक स्थायी मोहल्ला क्लीनिक कैसे तैयार होंगे, ये बड़ा सवाल है.

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3. आम आदमी कैंटीन: 10 रुपये में सस्ता भोजन दिलाने का वादा
स्टेटस: केजरीवाल सरकार के तत्कालीन दिल्ली डायलॉग कमीशन ने अम्मा कैंटीन की तर्ज पर आम आदमी कैंटीन खोलने का ऐलान किया था. लेकिन ये वादा भी फाइलों में सिमट कर रह गया है. पूरा एक साल गुजरने के बाद भी इस तरह की किसी कैंटीन की आधिकारिक घोषणा सरकार ने नहीं की है.

4. ड्रग फ्री दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को नशा मुक्त बनाने का वादा किया था
स्टेटस: नशा मुक्त की बजाय पिछले डेढ़ साल में सरकार ने शराब के ठेके का लाइसेंस देने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. नए पुराने मिलाकर करीब 399 लाइसेंस शराब के ठेके के लिए दिए गए. इस दौरान विरोधियों ने सवाल उठाए कि शराब की दुकान का लाइसेंस देने से पहले न मोहल्ला सभा बुलाई गई, न इलाके की महिलाओं से राय ली. फिलहाल ड्रग फ्री दिल्ली की बात हवा में उड़ती नज़र आ रही है.

5. सीसीटीवी से लैस दिल्ली: भीड़भाड़ वाले इलाकों और डीटीसी की बसों में सीसीटीवी लगाने का वादा
स्टेटस: जनता को पब्लिक प्लेस में सुरक्षा का अहसास कराने के लिए सीसीटीवी लगाने का वादा तो कर दिया गया, लेकिन चंद डीटीसी बसों में सीसीटीवी लगवाने के अलावा, सरकार पूरे शहर में सीसीटीवी का जाल फैलाने के लिए कोई भी प्लान जनता के सामने नही रख पाई है.

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6. सफाई कर्मचारियों को सम्मान: ठेकेदारी प्रथा बंद करने, सीवर के अंदर जाकर सफाई करने वाले सफाई कर्मचारियों को मास्क देने, मौत पर 50 लाख ला मुआवजा और मेडिकल बीमा देने का वादा
स्टेटस: दिल्ली की सत्ता में आने के बाद केजरीवाल सरकार का झगड़ा नगर निगम से छुपा नहीं है. फंड न देने की वजह से पिछले डेढ़ साल में कई बार दिल्ली कूड़े का ढेर बनी. लेकिन चुनावी वादे के मुताबिक, अभी तक सरकार की तरफ से सफाई कर्मचारियों को मेडिकल बीमा, सीवर की सफाई के लिए मास्क और कर्मचारी की मौत पर 50 लाख रुपये मुआवजा देने का कोई एलान नहीं किया है.

7. महिला सुरक्षा फोर्स: महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षा फोर्स बनाने का वादा
स्टेटस: 10 हजार महिला होमगार्ड की नियुक्ति अब तक नहीं हो पाई है. न ही सरकार डीटीसी बसों में पूरी तरह महिला मार्शल तैनात कर पाई है. महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार मोदी सरकार को ताना मारते रहते हैं. चुनावी वादा अब राजनीतिक लड़ाई बन चुका है.

8. मोबाइल सुरक्षा बटन: महिलाओं के लिए मोबाइल पर सुरक्षा बटन, जिसे मोबाइल एप्लीकेशन की शक्ल में देने का वादा
स्टेटस: एक ऐसी तकनीक जिसमें बटन को दबाते ही एक अलर्ट नजदीकी पीसीआर वैन या पुलिस स्टेशन तक पहुंचे. लेकिन पिछले डेढ़ साल में ऐसे किसी भी सुरक्षा बटन की जानकारी सरकार ने आधिकारिक तौर पे सामने नहीं रखी है.

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वो दो बड़े वादे, जो केजरीवाल सरकार ने पूरे किए, लेकिन लागू करने में कुछ समस्याएं...

1. फ्री पानी: दिल्ली वालों को हर महीने 20 हजार लीटर पानी का वादा
स्टेटस: 20 हजार लीटर पानी से अगर 1 लीटर पानी ज्यादा हो जाए तो लोगों को पूरा बिल भरना पड़ता है. साथ ही दिल्ली की अनियमित कॉलोनि‍यों में पानी के मीटर ही नहीं, तो फ्री पानी सिर्फ सपना बनकर रह गया है. गर्मी में पानी का प्रोडक्शन कम होने से कई इलाकों में पानी की सप्लाई भी कम हो जाती है. ऐसे में एक दिन का 700 लीटर पानी भी लोगों को नसीब नहीं होता है.

2. आधा बिजली बिल माफ: 400 यूनिट इस्तेमाल करने तक बिजली का बिल आधा और सस्ती बिजली का वादा
स्टेटस: दिल्लीवाले अगर 400 यूनिट से एक भी यूनिट ज्यादा बिजली खर्च करें, तो पूरा बिल भरना पड़ता है और ये स्कीम किसी काम की नहीं रह जाती है. गर्मी के दिनों में इसका फायदा उठाना एक सपने की तरह है. फिलहाल बिजली के बिल आधे माफ करने के नाम पर सरकारी खजाने से सब्सिडी का इस्तेमाल हो रहा है और प्राइवेट कंपनियां पूरा पैसा वसूल रही हैं. जबकि सरकार बिजली के दाम सस्ते कराने में अब तक नाकाम रही है.

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